फसल की खेती (Crop Cultivation)

गेहूं की फसल में बीजोपचार कैसे करें?

18 नवम्बर 2023, भोपाल: गेहूं की फसल में बीजोपचार कैसे करें? – गेंहू भारत की अनाज वाली फसलों में एक प्रमुख फसल हैं। देश के काफी हिस्सों में गेंहू की फसल की बुवाई अक्टूबर के दूसरे पखबाड़े से शुरू हो गई हैं। गेंहू की बुवाई से पहले किसान बीजोपचार कर लें ताकि वह गेंहू की अच्छी पैदावार लें सकें। गेंहू की फसल की बुवाई से पहले बीजोपचार बहुत जरूरी होता हैं। अगर किसान बीजोपचार के बाद बुवाई करते हैं तो वह फसल को कई तरह के रोगों से बचाया जा सकता हैं। किसान निम्न तीन तरह से बीजो का उपचार कर सकते हैं।

कीटनाशकों से बीज का उपचार

जिन क्षेत्रों में दीमक की समस्या हो वहां पर किसानों को 60 मिली. क्लोरोपाइरीफोस 20 ईसी. को पानी में मिलाकर प्रति एकड़ 40 किलोग्राम बीज को उपचारित करके बीज को छाया में सुखाने के बाद फूफंदीनाशकों से बीज उपचारित करें। क्लोरोपाइरीफोस से बीज उपचारित करने के बाद बुवाई सीड ड्रिल से ही करें। छिड़काव विधि से बुवाई करने पर बीज मृदा की ऊपरी सतह पर जाने के कारण पक्षियों द्वारा खा लिए जाते हैं जिससे उनकी मृत्यु होने की संभावना होती है।

फफूंदीनाशकों से बीज का उपचार

किसानों को कंडुआ, करनालबंट व अन्य बीज जनित रोगों से बचाव के लिए 1 किलोग्राम बीज को 2 ग्राम बाविस्टिन (कार्बेन्डाजिम) या वीटावैक्स (कार्बोक्सिन) या 1 ग्राम रैक्सिल (टेब्यूकोनाजोल) से बुवाई से एक या दो दिन पहले बीज को उपचारित करें।

जीवाणु खादों से बीज का उपचार

फफूंदीनाशकों से बीज का उपचार करने के 5-6 घंटे के अंतराल पर एक एकड़ के 40 किलोग्राम बीज को एजोटोबैक्टर व पी.एस.बी. जीवाणु खादों के 200 ग्राम के 4-4 पैकेट या 200 मिली. तरल एजोटोबैक्टर व 200 मिली. पी.एस.बी. जीवाणु खाद से उपचारित करके बीज को छाया में सुखाकर बुवाई करें।

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