फसल की खेती (Crop Cultivation)

औषधीय फसलों की ओर अग्रसर किसान

20 नवंबर 2021, इंदौर । औषधीय फसलों की ओर अग्रसर किसान क्षेत्र के किसान अब औषधीय खेती की ओर अग्रसर होने लगे हैं। देपालपुर तहसील के ग्राम शाहपुरा के उन्नत किसान श्री लाखनसिंह गेहलोत ने अपने खेत में अश्वगंधा और अकरकरा लगाया है। इसके अलावा गेहूं की नई किस्मों पूसा वकुला और पूसा प्रभात की बुवाई लहसन बोने वाली सीडड्रिल मशीन से की है।

श्री गेहलोत ने कृषक जगत को बताया कि 1 -1 बीघा में अश्वगंधा की दो किस्में सेम पुष्टि और जवाहर के अलावा अकरकरा भी लगाया है। जिसका 5 -5  किलो बीज आत्मा परियोजना, इंदौर ने उपलब्ध कराया है। इन औषधीय फसलों का उत्पादन 3 -5 क्विंटल /बीघा अनुमानित है।अश्वगंधा की कीमत 15 -35 हज़ार और अकरकरा की कीमत 35 -50 हज़ार रुपए प्रति क्विंटल तक रहती है। इसके लिए नीमच मंडी प्रसिद्ध है।

श्री गेहलोत ने भाकृअप -गेहूं अनुसन्धान केंद्र , इंदौर से गेहूं की नई किस्म पूसा वकुला (1636 ) और पूसा प्रभात (8823 ) का 10 -10 किलो बीज प्राप्त कर इसकी बुवाई लहसन बोने वाली सीडड्रिल मशीन से की है। बीज दर 15 किलो /बीघा रखी है। उन्होंने कहा कि पूसा वकुला का उत्पादन तेजस से ज्यादा होने का अनुमान है जो 20 क्विंटल / बीघा संभावित है ,जबकि पूसा प्रभात का 15 -17 क्विंटल है। इन्होंने  गुजरात की गेहूं किस्म 513  को प्रयोग के तौर पर लगाया है। बीज कम मात्रा में मिलने से इसकी बुवाई श्री विधि से की गई है।

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