Editorial (संपादकीय)

Editorial related to agriculture in India, agriculture policies, farmer feedback & its relevance in Indian Scenario.

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लवणीय एवं क्षारीय भूमि ऊसर जमीनों में पेड़ लगाएं

स्थानीय भाषाओं में लवण या क्षारग्रस्त भूमियाँ भिन्न-भिन्न नामों से पुकारी जाती हैं। उत्तरप्रदेश में इन्हें रेह या ऊसर कहा जाता है। पंजाब तथा हरियाणा में इनको सेम व कल्लर के नाम से तथा गुजरात में खार व लोना के

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आम के महानायक दीपक भाई

नवसारी। केसर, जम्बोकेसर, हापुस, लंगड़ा, दशेरी, राजापुरी, तोतापुरी जी हाँ आपने सही पहचाना यह वेरायटी आम की है, इन प्रजातियों के 3200 वृक्ष 125 बीघा भूमि पर देखने के लिए आपको नवसारी के नजदीक ग्राम काछीया बाड़ी में आना पड़ेगा।

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मेडऩाली पर छिड़का विधि का प्रयोग

नीमच। कहते हैं कृषि वैज्ञानिक से भी बड़ा वैज्ञानिक किसान होता है। स्वयं की सूझ-बूझ से नित नये प्रयोग खेत पर करना उसका जुनून होता है। ऐसे ही ग्राम महूडिय़ा के कृषक श्री घनश्याम पाटीदार हैं। इन्होंने 30 किलो उड़द

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किसानों का आक्रोश व सरकार

किसानों के उग्र प्रदर्शन मध्यप्रदेश में किसानों के उग्र प्रदर्शन को दस दिन हो गये, इसमें छह किसानों की जीवन लीला ही समाप्त हो गई और सम्पत्ति को जो नुकसान पहुंचा वह अलग। इस प्रकार के उग्र प्रदर्शन को कोई

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ये बीटी कपास क्या है ?

अंग्रेजी भाषा के दो अक्षरों का शब्द बीटी (क्चह्ल) अपने पूर्ण रूप में बेलिस थ्यूरेनजिनेसिस नाम से जाना जाता है। यह एक बीजाणु बनाने वाला बेक्टीरिया है जो प्रोटीन के पारदर्शाी कण (क्रिस्टल) जिसे क्राई कहते हैं बनाता है। ये

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समृद्धि परिवार की, तकनीकी व सुरक्षा जेके पास-पास की

इन्दौर। जेके सीड्स ने एक चमत्कारिक हायब्रिड प्रस्तुत किया है जिसका नाम है जेके पास-पास। जे.के. पास-पास एक नई तकनीकी और भविष्य में कम समय और कम खर्च में अधिक उपज देने वाली कम उम्र की हायब्रिड है। नई तकनीकी

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ट्रैक्टर चलित बीज-खाद बुआई यंत्र

भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ 142.6 मिलियन हेक्टेयर भूमि पर कृषि होती है। जिसमें 0.697 मिलियन हेक्टेयर पर कदन्न या मोटे अनाज की फसलों का उत्पादन किया जाता है, अधिकतर ये फसलें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ उड़ीसा, तमिलनाडु, कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेश

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सोयाबीन का विकल्प आवश्यक

पिछले 5-6 दशकों से सोयाबीन मध्यप्रदेश में खरीफ की एक प्रमुख फसल के रूप में ली जा रही है। प्रदेश में सत्तर के दशक में इसकी खेती आरंभ की गयी थी। किसानों ने इसे खरीफ की एक प्रमुख फसल के

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1 जून से किसान को आधार कार्ड पर मिलेगी खाद

भोपाल। एक जून से उर्वरक की खरीदी के लिए किसानों को अपना स्वयं का आधारकार्ड लेकर आना आवश्यक होगा। इस नई व्यवस्था के तहत आधारकार्ड होने एवं किसान का अंगूठा लगाने पर ही किसान को खाद मिल सकेगा। उक्त आशय

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कृषि उत्पादन के नये आयाम

भारत सरकार के कृषि सांख्यिकी विभाग ने वर्ष 2016-17 के कृषि फसलों के उत्पादन के तीसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान को 9 मई 2017 को जारी कर दिया। इस वर्ष लगभग सभी फसलों के अच्छे उत्पादन का अनुमान है, इसमें अच्छी

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