राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

किसान हितैषी योजनाओं को पारदर्शी बनाने के लिए हो चिंतनः श्री तोमर

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08 जुलाई 2023, नई दिल्ली: किसान हितैषी योजनाओं को पारदर्शी बनाने के लिए हो चिंतनः श्री तोमर – भारत के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को खेती-किसानी के मुद्दो पर पूसा में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में श्री तोमर ने कहा कि सरकार की किसान हितैषी योजनाएं और अधिक पारदर्शी कैसे हों, किसान हित में कामकाज और सरल हों, हमारे लक्ष्य कैसे पूरे हों इन सभी मुद्दों पर चिंतन होना चाहिए।

इस शिविर का उद्देश्य भविष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति, निर्यात बढ़ाने और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श कर भविष्य की कार्ययोजना तैयार करना है।

इस शिविर में राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी एवं सुश्री शोभा करंदलाजे तथा नीति आयोग के सदस्य श्री रमेश चंद विशेष रूप से शामिल हुए।

शिविर के उद्घाटन समारोह के दौरान श्री तोमर ने प्रधानमंत्री के कार्यों की बात करते हुए कहा कि जब से मोदी जी ने प्रधानमंत्री के रूप में देश के कामकाज को संभाला हैं,  उनकी कोशिश सरकार की सोच, कल्पना, क्रियान्वयन एवं कार्यपद्धति में बदलाव लाने की रही है और इसके लिए विभिन्न प्रयत्न किए गए हैं। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन के अनुसार ही इस तरह के चिंतन शिविर आयोजित किए जा रहे है, जिसका सद्परिणाम भी सरकार के कामकाज में परिलक्षित होता है।

इस शिविर में निम्न मुद्दों पर चर्चा की गई-

i) कृषि को जलवायु अनुकूल बनाने के लिए रणनीतियां विकसित करना।

ii) एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन से जुड़े मुद्दों व चुनौतियों का समाधान करना, उर्वरक के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देना, मृदा की उर्वरता को बढ़ाना, और एक अनुकूल- टिकाऊ कृषि प्रणाली की स्थापना में योगदान देना।

 iii) वनस्‍पति संरक्षण के पर्यावरण-अनुकूल दृष्टिकोण में सामंजस्य स्थापित करने के लिए विभिन्न संगठनों- हितधारकों के बीच तालमेल बनाना।

iv) स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उन्नत प्राकृतिक कृषि प्रणालियां।

 v) प्रभावशीलता व अधिकाधिक पहुंच बढ़ाने विस्तार सेवाओं को मजबूत करना व विस्तार प्रणाली के डिजिटलीकरण पर ध्यान केंद्रित करना और

vi) निर्यात को बढ़ावा देने व निर्यात-उन्मुख आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने के लिए राज्य-स्तरीय कार्यनीति तैयार करना।

vii) उत्पादक भागीदारी के माध्यम से क्षेत्र के हरसंभव हस्तक्षेप में संभावित प्राइवेट प्‍लेयर्स का लाभ उठाकर फोकस को ‘उत्पादन केंद्रित दृष्टिकोण’ से “विपणन केंद्रित दृष्टिकोण” में परिवर्तित करना, विषयों पर चिंतन किया जा रहा है।

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