राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-दलहन में 50-50 किसानों के खेतों पर चना, अलसी का प्रदर्शन
रायसेन। कृषि विज्ञान केन्द्र, रायसेन द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन दलहन अन्तर्गत कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जबलपुर के सहयोग से रबी वर्ष 2016-17 में चना फसल प्रदर्शन 40 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 100 कृषकों के खेतों पर, मसूर व अलसी फसल प्रदर्शन 20-20 हेक्टेयर में 50-50 कृषकों के खेतों पर किया गया है। डॉ. स्वप्निल दुबे, वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख ने बताया कि क्लस्टर प्रदर्शन के अन्तर्गत चना की उन्नत किस्म जे.जी.-16, मसूर की उन्नत किस्म एच.यू.एल.-57 व अलसी की उन्नत किस्म जे.एल.-27/जे.एल.-67 का प्रदर्शन कृषकों के खेतों पर किया गया है।
केन्द्र के वैज्ञानिक श्री प्रदीप कुमार द्विवेदी द्वारा चने में इल्ली नियंत्रण हेतु एकीकृत कीट प्रबंधन के अन्तर्गत टी आकार की खूंटी 20-25 प्रति हेक्टेयर, फेरोमोन ट्रेप 10-12 प्रति हेक्टेयर, एन.पी.व्ही. वायरस 250 एल.ई. प्रति हेक्टेयर, नीम तेल 2 लीटर प्रति हेक्टेयर व रसायनिक कीटनाशक के रूप में क्विनालफॉस 25 ई.सी. 1.5 लीटर/हेक्टेयर या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी. 1.25 लीटर/हेक्टेयर के प्रयोग करने की तकनीकी जानकारी से अवगत कराया गया।
केन्द्र के वैज्ञानिक श्री सुनील केथवास द्वारा चने में उकठा नियंत्रण हेतु उकठा निरोधी प्रजातियां जैसे जे.जी.- 16, जे.जी.- 12, जे.जी.- 14, जे.जी.- 63 किस्मों का चयन, ट्राइकोडर्मा विरीडी से बीजोपचार 5 ग्राम/ किलो बीज, नीम की खली 75 किग्रा/ हेक्टेयर व चने के साथ अंतरवर्तीय फसल में अलसी को लगाकर नियंत्रण के उपाय बताये। वैज्ञानिक श्री रंजीत सिंह राघव द्वारा चने में एकीकृत पोषण प्रबंधन के अन्तर्गत बुवाई के समय पोटाश खाद के उपयोग की जानकारी दी गई।
इन दलहन क्लस्टर प्रदर्शन के क्रियान्वयन में कृषि विज्ञान केन्द्र, रायसेन के वैज्ञानिक डॉ. सर्वेश त्रिपाठी, श्री प्रदीप कुमार द्विवेदी, श्री रंजीत सिंह राघव, श्री मुकुल कुमार, डॉ. अंशुमान गुप्ता, श्री सुनील कैथवास, श्री पंकज भार्गव व श्री रोहित साहू का महत्वपूर्ण योगदान रहा।