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समस्या- ईसबगोल की खेती करना क्या लाभदायक होगा, कृपया विस्तार से तकनीकी सुझायें।

समाधान– ईसबगोल एक औषधि फसल है। और आपका रुझान औषधि फसलों के लिये देखकर आपको बधाई तो देना ही पड़ेगा। कृषि को लाभकारी बनाने में आपका यह कदम सराहनीय है। आप निम्न तकनीकी अपनायें।

  • उचित जल निकास वाली दोमट भूमि उपयुक्त होती है।
  • प्रजातियों में गुजरात ईसबगोल 1, गुजरात ईसबगोल 2 उपयुक्त है, इसके अलावा निहारिका, एल.एन.पी. 2337, एस.ई.एफ 5, जवाहर ईसबगोल इत्यादि हैं।
  • बुआई का उपयुक्त समय अक्टूबर से दिसम्बर के बीच 10 किलो बीज/हेक्टर की दर से डाला जाये।
  • पंक्ति से पंक्ति की दूरी 25-30 से.मी. तथा पौध से पौध 5 सें.मी. रखी जाये।
  • 100 क्विंटल गोबर खाद के साथ 50 किलो यूरिया, 175 किलो सिंगल सुपर फास्फेट तथा 40 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश/ हे. की दर से डालें।
  • पहली सिंचाई बुआई के 25-30 दिनों बाद इसके बाद दो सिंचाई 30-30 दिन के बाद दी जाये।
  • निंदाई-गुड़ाई समय से की जाये ताकि खरपतवारों से सुरक्षा हो सके।
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