Uncategorized

भरपूर पोषण का स्रोत कोरोमंडल एग्रीको का ‘औरा एक्सएल’

इंदौर। कृषक जगत एजुकेशन सोसायटी द्वारा आयोजित जैविक हाट में प्रदेश के कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, पूर्व कृषि मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया, कृषक जगत के प्रधान सम्पादक श्री विजय बोंद्रिया, संपादक श्री सुनील गंगराड़े, संचालक कृषि श्री मोहनलाल मीणा द्वारा कोरोमंडल एग्रीको प्रा.लि. के ‘औरा एक्सएल’ का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर साइटोझाइम के कंट्री मैनेजर श्री आर.के. गोयल एवं कोरोमंडल एग्रीको प्रा.लि. के जोनल मैनेजर श्री डी.बी. सेठी विशेष रूप से उपस्थित थे। श्री सेठी ने अतिथियों समेत सभी का स्वागत करते हुए बताया कि कोरोमंडल एग्रीको पर्यावरण हितैषी उत्पाद बनाता है। ‘औरा एक्सएल’ जैविक खेती के लिए भी प्रमाणित उत्पाद है, इसका 2 मिली. प्रति लीटर पानी में मिलाकर सभी फसलों में तथा फलदार वृक्षों में 1 मिली प्रति लीटर पानी के साथ छिड़काव करना चाहिए। इसे हर प्रकार के कीटनाशक, फफूंदनाशक तथा पर्णीय उर्वरक के साथ मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है। ‘औरा एक्सएल’ जैव विधि द्वारा बहुअवस्था खमीरीकरण तकनीक से निर्मित एक नवीनतम उत्पाद है। पौधे के संतुलित पोषण एवं आंतरिक क्रियाओं को संचालित करने के लिए आवश्यक घटकों जैसे प्राथमिक पोषक तत्व, द्वितीयक पोषक तत्व एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ ही प्रोटीन एवं प्रोटीन के विभिन्न घटकों, कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिन्स तथा पौध विकासवद्र्धक युक्त विभिन्न कार्बनिक पदार्थों के मिश्रण के जैविक विधि से बहुअवस्था खमीरीकरण प्रक्रिया द्वारा ‘औरा एक्सएल’ का निर्माण किया जाता है। ‘औरा एक्सएल’ पौधों की जीन संरचना को नियंत्रित करता है। ‘औरा एक्सएल’ का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है एंटी-ऑक्सिजन प्रक्रिया, इस प्रक्रिया से पौधों के अंगों में बनने वाली अतिरिक्त ऑक्सीजन को निकाल देता है। इससे पौधों में दाब-ताप की घट-बढ़ का कुप्रभाव नहीं पड़ता है। पौधों की अतिवृद्धि को नियंत्रित कर फूल-फलों की संख्या बढ़ाता है, साथ ही अंदर विषैले पदार्थों को जमा होने से रोकता है एवं फलों को गिरने से बचाता है, फलस्वरूप उत्पादन में आशातीत बढ़ोतरी होती है। इसके प्रयोग से उत्पादित आदान की भंडारण क्षमता की अवधि लंबी होती है। ‘औरा एक्सएल’ का छिड़काव सभी प्रकार की फसलों जैसे, सोयाबीन, कपास, मिर्च, धान, मूंगफली, मूंग एवं सभी प्रकार की सब्जियों के साथ फल-फूल तथा मसाले वाली फसलों में कर सकते हैं। इसका छिड़काव फसल की विभिन्न क्रांतिक अवस्थाओं जैसे पौध वृद्धि एवं विकास की अवस्था, फूल आने के पूर्व जबकि 5 से 10 फीसदी फूल लग जाएं, फूल एवं फली लगने की अवस्था, दाने भरने एवं फली तथा फल के रंग परिवर्तन की अवस्था में किया जाना चाहिए। ‘औरा एक्सएल’ के छिड़काव से फसलों को विपरीत मौसम में भी लाभ मिलता है।

Advertisements