राज्य कृषि समाचार (State News)

छत्तीसगढ़ में मक्का खेती का क्षेत्र विस्तार विषय पर कार्यशाला सम्पन्न, मक्के की खेती पर दिया जोर

10 फरवरी 2024, रायपुर: छत्तीसगढ़ में मक्का खेती का क्षेत्र विस्तार विषय पर कार्यशाला सम्पन्न, मक्के की खेती पर दिया जोर – छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में जनपद पंचायत छुरिया के सभागार में मक्का खेती का क्षेत्र विस्तार विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। सभापति कृषि स्थायी समिति जिला पंचायत राजनांदगांव श्रीमती ललिता कंवर ने धान की खेती के स्थान पर मक्का एवं अन्य फसल लेने हेतु कृषकों को प्रेरित किया।

कार्यशाला में कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कृषकों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था पर आधारित राजनांदगांव जिले में अनाज की फसलों में मक्का का महत्वपूर्ण स्थान है। वर्तमान में खरीफ एवं रबी मौसम में बढ़ते हुए धान के क्षेत्र से प्राकृतिक संसाधनों विशेषकर भूमिगत जल स्तर में तेजी से गिरावट आयी है। वर्तमान में भूमिगत जल संवर्धन करने के साथ खेती में हानिकारक रसायनों की उपयोग न्यूनतम करने की आवश्यकता है।

धान के विकल्प के रूप में मक्का फसल लाभदायी

कलेक्टर ने कहा कि वर्तमान में निरन्तर धान की फसल की खेती करने पर भूमि की भौतिक एवं रासायनिक दशा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, कीट-व्याधियों का प्रकोप भी बढ़ता है। स्थायी खेती की परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए धान के विकल्प के रूप में मक्का कृषकों के लिए लाभदायी फसल के रूप में ली जा सकती है। मक्का का उर्पाजन दर शासन स्तर से निर्धारित हैं, जिले में मक्का के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन की इकाईयां पूर्व से स्थापित है, इसलिए विपणन की समस्या नहीं है। उप संचालक कृषि नागेश्वर लाल पाण्डे ने कृषकों को मक्का के विभिन्न प्रजातियों के बारे में तथा उनके पोषक महत्व प्रसंस्करण मूल्य प्रवर्धन एवं विपणन से अधिक लाभ प्राप्त करने के संबंध में कृषकों को जानकारी दी।

किसानो को किया प्रशिक्षित

वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र सुरगी श्रीमती डॉ. गुंजन झा ने किसानों भूमि के चुनाव, बुवाई का समय, बुवाई की विधि, किस्म, खरपतवार नियंत्रण, कीट व्याधि नियंत्रण विषय पर कृषकों को प्रशिक्षित किया गया। इसके अलावा कृषकों को विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई।

किसानों ने मक्का फसल को बताया लाभदायक

कार्यक्रम में मक्का की खेती करने वाले ग्राम खोभा के कृषक गोपी कुंजाम ने परिचर्चा में भाग लेते हुए बताया कि वे 10 एकड़ में मक्का की खेती कर रहे हैं एवं उन्हें स्थानीय फैक्ट्री में विक्रय कर धान से अधिक लाभ प्राप्त हो रहा हैं। वही, ग्राम धरमूटोला के कृषक मनराखन श्याम ने कहा कि वे 4 एकड़ में मक्का की खेती कर रहे हैं। अन्य किसान राम खिलावन नेटी ने 10 एकड़ क्षेत्र में मक्का के हाईब्रिड किस्म की खेती करके निरंतर लाभ लेने की जानकारी दी। इन कृषकों ने इस दौरान मक्का की फसल को लाभदायक बताया।

मक्का फसल में धान की अपेक्षा कम पानी की जरूरत

उन्होंने बताया कि मक्का में धान की अपेक्षा कम पानी की आवश्यकता होती हैं। नलकूप से सिंचाई में बिजली का खर्च कम आता है एवं कीट व्याधि नियंत्रण हेतु पौध संरक्षण औषधियों में खर्च कम होता है। कार्यशाला में 178 ग्रामों के कुल 320 कृषकों ने भाग लिया, जिसमें कृषि सखी एवं कृषक मित्र भी शामिल थे।

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