राज्य कृषि समाचार (State News)

नई दिल्ली में लाँच हुई मध्यप्रदेश सुशासन और विकास रिपोर्ट

5 अप्रैल 2022, भोपाल ।  नई दिल्ली में लाँच हुई मध्यप्रदेश सुशासन और विकास रिपोर्ट मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आम जनता की सक्रिय सहभागिता से ही मध्यप्रदेश सुशासन के क्षेत्र में देश के सामने उदाहरण बनकर खड़ा हो सका है। आज से 15 वर्ष पहले मध्यप्रदेश जिन क्षेत्रों में बहुत पीछे था और बीमारू राज्य कहलाता था, उन क्षेत्रों में लगातार प्रगति के प्रयास किए गए, जिसका परिणाम यह है कि मध्यप्रदेश पहले विकासशील राज्य बना और अब विकसित प्रदेशों की पंक्ति में खड़ा है। मध्यप्रदेश में जन-भागीदारी से विकास का मॉडल लागू किया गया है। पिछले 02 साल में कोविड महामारी के नियंत्रण में इस मॉडल की उपयोगिता सिद्ध हुई। प्रधानमंत्री श्री मोदी भी विकास के लिए जन-भागीदारी पर जोर देते हैं। वे हमारे प्रेरक हैं। मध्यप्रदेश निरंतर जन-भागीदारी के साथ विभिन्न क्षेत्रों में विकास की गति तेज करने का कार्य करेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में गत 4अप्रैल को  मध्यप्रदेश सुशासन और विकास रिपोर्ट 2022 के लांचिंग समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में अनेक केन्द्रीय मंत्री, राज्य सरकार के मंत्री, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और मध्यप्रदेश कैडर के अखिल भारतीय स्तर के प्रशासनिक, पुलिस और वन सेवा के अधिकारी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन में अग्रणी रहकर सफलता प्राप्त की है। मध्यप्रदेश की उपलब्धियों में प्रधानमंत्री जी का निर्देशन महत्वपूर्ण रहा है। श्री मोदी भारत राष्ट्र के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। मध्यप्रदेश में 03 लाख किलोमीटर लंबाई की सड़कें विभिन्न योजनाओं में निर्मित की गईं। बिजली का उत्पादन 05 हजार मेगावॉट से बढ़ाकर 21 हजार मेगावॉट तक पहुँचाया गया। कई बार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त करने वाले मध्यप्रदेश ने पंजाब और हरियाणा को गेहूँ उपार्जन में पीछे छोड़ दिया है। मध्यप्रदेश का सोने जैसे दानों वाला गेहूँ अमेरिका सहित अनेक देशों में निर्यात होता है। अब गेहूँ के निर्यात के लिए प्रयास बढ़ाए जा रहे हैं। प्रदेश में एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल भी बनाई गई है। मध्यप्रदेश में सिंचाई योजनाओं से लाभान्वित सिंचाई रकबा 43 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने केन-बेतवा योजना की मंजूरी से मध्यप्रदेश के बड़े इलाके को लाभान्वित करने की पहल की है। मध्यप्रदेश में अन्य नदी जोड़ों परियोजनाएँ भी क्रियान्वित हो रही हैं। प्रदेश की विकास दर 19.7 प्रतिशत देश में सर्वाधिक है। देश की अर्थ-व्यवस्था में मध्यप्रदेश 4.6 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। सकल घरेलू उत्पाद में बीते दशक में 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सुशासन के ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ के जिस काम को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हमारे जिम्मे सौंपा था, उसे सबसे पहले मध्यप्रदेश ने कर दिखाया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बीमारू राज्य से मध्यप्रदेश को एक रोल मॉडल राज्य बना दिया है, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।

सदस्य मानव संसाधन संवर्धन आयोग भारत सरकार डॉ. आर. बाला सुब्रमण्यम ने कहा कि मध्यप्रदेश ने सुशासन के क्षेत्र में बहुत बेहतर कार्य किया है। मध्यप्रदेश में जन-भागीदारी मॉडल बनाकर सबसे बढ़िया उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि हमें प्रगति के लिए क्षमता विकास पर ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है। हम अपनी क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान दें। मध्यप्रदेश विकास के कई पेरामीटर पर देश में आगे है।

अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान, भोपाल के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश पहला ऐसा राज्य है जहाँ शोधकर्ताओं के लिए सीएम फेलोशिप स्थापित की गई है। एमपीसीडीआर रिपोर्ट में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे विशेष प्रयासों का दस्तावेजीकरण किया गया है। विशेषकर कोविड काल में मध्यप्रदेश के जन-भागीदारी मॉडल को सराहा गया है। मध्यप्रदेश पहला राज्य होगा जिसमें स्टेटिस्टिक्स कमीशन को स्थापित किया जा रहा है जो जिला स्तर पर सकल घरेलू उत्पाद को मापने का कार्य करेगा। पिछले तीन क्वार्टर में लगातार मध्यप्रदेश का आंकड़ा बाकी अन्य राज्यों से काफी आगे रहा है।

यू.एम.ई.पी. के पूर्व कार्यकारी निदेशक श्री एरिक सोल्हेम ने कहा कि मध्यप्रदेश में ग्रीन एनर्जी पर बहुत अच्छा कार्य हो रहा है। यहाँ बड़े सोलर प्लांट लगाये गए हैं जो ग्रीन एनर्जी-क्लीन एनर्जी की ओर बहुत अच्छे कदम हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं रोज़ाना एक पौधा लगाया जाता है यह बहुत अच्छी पहल है। मध्यप्रदेश का शहर इंदौर सबसे स्वच्छ शहर है, इसके लिए मध्यप्रदेश को बधाई।संयुक्त राष्ट्र के स्थानीय समन्वयक श्री शोम्बी शार्प ने अपने संबोधन में कहा कि मध्यप्रदेश ने हर समुदाय तक पहुँच सुनिश्चित की है और यह भी सुनिश्चित किया है कि कोई भी पीछे न छूटे। यह इसके टीकाकरण अभियान में सबसे अच्छी तरह से चित्रित किया गया था, जिसमें सामुदायिक भागीदारी ने अहम भूमिका निभाई।

कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय ग्रामीण विकास और इस्पात राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, कृषि मंत्री श्री कमल पटेल, सिंगापुर के हाइ-कमिश्नर श्री वॉक, मध्यप्रदेश के सांसद और प्रतिनियुक्ति पर नई दिल्ली में पदस्थ मध्यप्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारी, सुशासन संस्थान की सीईओ सुश्री जी.व्ही. रश्मि और एसीईओ श्री लोकेश शर्मा भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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