साईकिल व्हील हो द्वारा गेंहू की निराई गुड़ाई
14 दिसम्बर 2023, टीकमगढ़: साईकिल व्हील हो द्वारा गेंहू की निराई गुड़ाई – मध्य प्रदेश में कृषि विज्ञान केंद्र टीकमगढ़ के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. बी.एस. किरार वैज्ञानिक डॉ. आर.के. प्रजापति. डॉ. एस.के. सिंह, डॉ. एस.के. जाटव, डॉ. आई.डी. सिंह, जयपाल छिगारहा एवं हंसनाथ खान की उपस्थिति में कृषि विज्ञान केंद्र के परिसर में बोये गए गेंहूँ में अटल बिहारी वाजपेयी कृषि महाविद्यालय खुरई से ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव लेने आये छात्रों को साईकिल व्हील हो द्वारा गेंहूँ में निराई-गुड़ाई का प्रशिक्षण दिया गया।
किसान जो अपनी पूर्ण शक्ति व साधन फसल की अधिकतम उपज प्राप्त करने के लिए लगाता है। ये अनैच्छिक पौधे इस उद्देश्य को पूरा नहीं होने देते। खरपतवार फसल के पोषक, तत्व, नमी, प्रकाश, स्थान आदि के लिए प्रतिस्पर्धा करके फसल की वृद्धि, उपज एवं गुणों में कमी कर देते है। खरपतवारों से हुई हानि किसी अन्य कारणों से जैसे कीड़े, मकोड़े, रोग, व्याधि आदि से भी नहीं ज्यादा होती है। इसी नुकसान को कम करने के लिए खरपतवार नियंत्रण एक अति आवश्यक हो जाता है। व्हील हो एक खरपतवार नियंत्रण के लिए उपयोग किया जाने वाला एक यंत्र है । शुष्क भूमि निराई यंत्र (खूंटी प्रकार) मैन्युअल रूप से संचालित होता है जो फसल पंक्तियों के बीच संचालन के लिए उपयुक्त है। इसमें एक फार होता है, और एक साईकिल का पहिया होता हैं जो हल्के लोहे की छड़ों से जुड़ी होती हैं। हैंडल की ऊंचाई को ऑपरेटर की आवश्यकता के अनुसार भी एडजस्ट किया जा सकता है। खरपतवार हटाने के लिए इसे फसल की कतारों के बीच चलाया जाता है। फार से मिटटी की जुताई होती है अर्थात मिटटी को चीरता हुआ जाता है जिससे नींदा मिटटी में दबकर नष्ट हो जाते है। पंक्तिबद्ध फसलों में निराई-गुड़ाई और अंतर-कृषि करने के लिए व्हील हैण्ड हो एक व्यापक रूप से स्वीकृत निराई-गुड़ाई उपकरण है। व्हील हो से निराई करने में समय एवं परिश्रम दोनों कम लगते है अर्थात कम समय एवं कम लगत में अधिक क्षेत्रफल की निराई की जा सकती है ।
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