बीजोपचार से न्यूनतम 6 से 10 प्रतिशत उत्पादन बढ़ाया जा सकता है
सिंजेंटा के हेड -सीड केयर श्री पवनदीप सिंह से कृषक जगत की बातचीत
2 जून 2022, इंदौर । बीजोपचार से न्यूनतम 6 से 10 प्रतिशत उत्पादन बढ़ाया जा सकता है – निरोगी फसल के लिए बीजोपचार बहुत जरूरी है। बीजोपचार से फसल को पहले दिन से ही सुरक्षा मिलने लग जाती है। कम खर्च में उत्पादकता बढ़ाने के लिए बीजोपचार अवश्य करना चाहिए। केवल बीजोपचार से ही न्यूनतम 6 से 10 प्रतिशत उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। यह कहना है सिंजेंटा इंडिया लि. के हेड-सीड केयर श्री पवनदीप सिंह का। कृषक जगत से हुई बातचीत में श्री सिंह ने कम्पनी के नए उत्पाद, कार्ययोजना और अन्य गतिविधियों की जानकारी दी।
बीजोपचार के महत्व को रेखांकित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि बीजोपचार से बीज जनित और मिट्टी जनित बीमारियों की रोकथाम हो जाती है। बीजोपचार को केंद्र और राज्य सरकार भी प्रोत्साहित कर रही है। देश में सोयाबीन के 70 -80 प्रतिशत किसान बीज नहीं बदलते हैं और पुराने बीजों का ही इस्तेमाल करते हैं। इस कारण कीट और रोग लगने का खतरा ज़्यादा रहता है फलस्वरूप लागत खर्च बढ़ जाता है। जबकि बीजोपचार से बीज जनित और मिट्टी जनित बीमारियों की रोकथाम हो जाती है। केवल बीजोपचार से ही 6 से 10 प्रतिशत उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। अब मशीनों से भी बीजोपचार हो रहा है। सिंजेंटा द्वारा करीब 250 बीजोपचार मशीनें मध्यप्रदेश में लगाई गई हैं। अपने नए उत्पादों की जानकारी देते हुए श्री सिंह ने कहा कि 5-6 नए उत्पाद आ रहे हैं। थायोमिथाक्सम टेक्निकल वाला क्रूजर 350 एफएस तरल और क्रूजर 70 डब्ल्यूएस पाउडर फार्म में उपलब्ध है। तरल वाला सोयाबीन, कपास और मक्का में प्रयुक्त होता है, जबकि पाउडर वाला धान में प्रयोग किया जाता है। क्रूजर सफ़ेद मक्खी, तना छेदक और अन्य रस चूसक कीटों से बचाव करता है। वहीं क्रूजर 70 डब्ल्यूएस धान, मक्का, कपास, टमाटर आदि के बीजोपचार के लिए है। फोर्टेजा ड्यूओ – मक्के के बीज के लिए आधुनिक आविष्कार है। इसके बीजोपचार से अंकुरण अच्छा होने के साथ ही पौधों की वृद्धि भी बढिय़ा होती है। बीजोपचार से कीटनाशकों का प्रभाव भी बढ़ जाता है। फसल 20-25 दिन के लिए सुरक्षित हो जाती है। गेहूं के रोग करनाल बंट और स्मट आदि के नियंत्रण के लिए बीजोपचार उत्पाद डिविडेंड है,जो ट्राइजोल फफूंदनाशक है, जिसका टेक्निकल नाम डाइफेनोकोनेजोल है। एप्रॉन एक्सल उत्पाद मस्टर्ड और वेजिटेबल के बीजोपचार के लिए है। किसानों का 250-300 रु/एकड़ की लागत में बीजोपचार हो जाता है। कई बीज उत्पादक कंपनियां प्री ट्रीटमेंट करके भी बीज दे रही हैं। किसानों को बीजोपचार के प्रति जागरूक करने के लिए इस साल मप्र में 10-12 लोगों की समर्पित टीम लगाई गई है।
श्री सिंह ने बताया कि सिंजेंटा द्वारा अनुसंधान और विकास के तहत बीजोपचार पर विशेष ध्यान देते हुए आंध्र प्रदेश में विजयवाड़ा के पास इलूरू में सिंजेंटा ने सीड केयर इंस्टीट्यूट खोला है, जहाँ कई प्रकार के बीज उपचार संबंधित रिसर्च किए जाते हैं। अंत में, बीजोपचार के प्रति किसानों में जागरूकता लाने पर जोर देते हुए उन्होंने बीजोपचार के बिना बोवनी नहीं करने का आह्वान किया। श्री सिंह ने बताया कि भारत में कीटनाशक का व्यापार 25 हजार करोड़ का है, जिसमें से बीजोपचार का हिस्सा मात्र 2 प्रतिशत है, परन्तु इसका परिचालन तेजी से बढ़ रहा है।
क्रूजर 350 एफएस से बीजोपचार,तना मक्खी पर अचूक वार
क्रूजर 350 एफएस यूँ तो अन्य फसलों पर भी लाभकारी है,लेकिन खासतौर से यह सोयाबीन की फसल के लिए बहुत कारगर है। तना मक्खी पर प्रारम्भिक प्रबंधन के लिए यह उत्पाद बहुत अच्छा है। जैसा कि पता ही है, कि सोयाबीन फसल में तने की मक्खी शुरूआती विकास अवस्था में ही हमला करती है, जिससे पौधे में विल्टिंग होने लगती है और पौधे सूखने लगते हैं। मैगाट तने को अंदर से खोखला बना देता है, इस कारण पौधे या शाखाएं टूटकर नीचे गिरने लगती है। क्रूजर 350 एफएस से बीजोपचार करने से इन सब समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। सोयाबीन के लिए इसकी मात्रा 6-8 मिली/किलो बीज है। जबकि कपास में 8-10 मिली/किलो बीज है। यह उत्पाद 160 मिली, 1 लीटर और 5 लीटर पैक में उपलब्ध है।
क्रूजर 350 एफएस की कार्यप्रणाली – इसकी हर बीज पर एक समान परत और दवा की सही मात्रा से बीज पूरी तरह सुरक्षित हो जाता है। उत्तम कोटि की परत होने से बीज घिसने पर भी कम झड़ते हैं। यही नहीं इसकी बीज पर सही कोटिंग होने से यह बहुत अच्छे तरीके से जमी रहती है। इस कारण लम्बे समय तक सुरक्षा मिलती है। यह किसानों का बीजोपचार के लिए बहुत लोकप्रिय उत्पाद है।
फोर्टेजा ड्यूओ – मक्के के बीज का सम्पूर्ण बीजोपचार
सिंजेंटा इंडिया लि. का एक अन्य उत्पाद फोर्टेजा ड्यूओ मक्के के बीज के लिए आधुनिक आविष्कार है, जो प्रारम्भिक अवस्था में पत्तियां खाने और पौधों का रस चूसने वाले कीड़ों के लिए व्यापक श्रेणी का बीजोपचारित कीटनाशक है, जो कजरा पिल्लु,तना छेदक, माहू, शूट फ्लाय, फॉल आर्मी वर्म जैसे कीड़ों के नियंत्रण के लिए एक सम्पूर्ण बीज उपचार कीटनाशक है। यह हानिकारक कीटों को कम करके अगले छिडक़ाव की क्षमता बढ़ाता है। यह पौधे के जमाव को बनाए रखता है और उन्हें शक्ति प्रदान करता है। फोर्टेजा ड्यूओ को पौधों की जड़ों द्वारा लिया जाता है और यह पूरे पौधे में पहुंचाया जाता है। प्रभावित कीटनाशक पौधे को खाए जाने से तुरंत रोकता है। 24 घंटे में कीट भूख से मर जाते हैं और सुरक्षित पौधों की निरंतर वृद्धि होती है, जिसके फलस्वरूप पैदावार बढ़ती है। यह फसल की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करता है। फोर्टेजा ड्यूओ की एक किलो बीज के लिए 4-6 मिली मात्रा पर्याप्त है।
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