सतारा जिले की 10 कृषक उत्पादक संस्थाओं का प्रशिक्षण सम्पन्न
20 मार्च 2023, इंदौर: सतारा जिले की 10 कृषक उत्पादक संस्थाओं का प्रशिक्षण सम्पन्न – भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, नई दिल्ली में आज आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन को कृषि से जुड़े सभी हितग्राहियों में प्रचार-प्रसार हेतु आज भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान में विशेष आयोजन किया गया जिसमें संस्थान के कर्मचारी तथा सोया-कृषकों समेत कुल 200 प्रतिभागी शामिल हुए। इसी मौके पर महाराष्ट्र के सतारा जिले की 10 कृषक उत्पादक संस्थाओं के कुल 46 प्रतिनिधि कृषकों का ‘सोया उत्पादन, मूल्य संवर्धन एवं प्रसंस्करण तकनीकी ‘ का तीन दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। जिसमें संस्थान के निदेशक डॉ के.एच.सिंह तथा संस्थान के तीनों विभागों के अध्यक्ष डॉ अनीता रानी, डॉ महावीर शर्मा एवं डॉ बी.यु. दुपारे तथा स्मार्ट प्रोजेक्ट,कृषि विभाग,सतारा के श्री राजेंद्र गोर्ड़े एवं श्री अजय पोळ उपस्थित थे।
इस अवसर पर डॉ सिंह ने सोयाबीन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सोयाबीन को अभी तक केवल तिलहनी फसल के रूप में जाना जाता है , जबकि इसमें अनेक पोष्टिक तत्व होते हैं, जो कि मानव शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। इसके पौष्टिक गुण, प्रसंस्करण तकनीकी एवं खाद्य पदार्थों को घरेलु तथा लघु-उद्योग स्तर पर निर्माण एवं मार्केटिंग के प्रयास जारी हैं। तिलहनी फसल के साथ-साथ सोयाबीन एक प्रोटीन युक्त फसल है, यह सन्देश जाना चाहिए , ताकि सोयाबीन आधारित खाद्य पदार्थों की मूल्य वृद्धि की सम्भावना के साथ खपत बढ़ सके। इस कार्यक्रम में देश के जाने-माने खाद्य प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ तथा संस्थान के भूतपूर्व निदेशक डॉ जी.एस. चौहान ने प्रशिक्षु कृषकों को सोयाबीन की 30 वर्ष पूर्व की कठिनाइयों का जिक्र कर कहा कि कैसे उन्होंने पंतनगर स्थित कृषि विश्वविद्यालय में सोया आधारित खाद्य पदार्थों को बनाने की विधियों को मानकीकृत करने में अपना समय बिताया तथा सोया-पनीर एवं सोया-दूध की गुणवत्ता बनाये रखने में अनुसन्धान किया। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान द्वारा खाद्य गुणों के लिए उपयोगी कई किस्मों का विकास किया है।
इन्कुबेशन केंद्र के प्रभारी डॉ महावीर शर्मा ने जानकारी दी कि विगत तीन माह में संस्थान के इन्कुबेशन केंद्र द्वारा महाराष्ट्र के 30 कृषक उत्पादक संस्थाओं के लगभग 150 सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया है। इस प्रशिक्षण के दौरान सोयाबीन से बने विभिन्न खाद्य पदार्थ जैसे सोया दूध, सोया- छांछ, सोया श्रीखंड, सोया-पनीर, सोया आटा आदि पर आधारित बेकरी पदार्थ बनाने की प्रसंस्करण तकनीकी का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन हेतु संस्थान के इन्कुबेशन केंद्र के श्री योगेश सोहनी, श्री अभिषेक भारती, सुश्री सीमा चौहान तथा श्री दीपक की भूमिका महत्वपूर्ण रही। प्रशिक्षण समापन पर प्रशिक्षणार्थी कृषकों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।
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