प्राकृतिक जायद मूंग फसल में मिट्टी बनी सहारा
21 अप्रैल 2023, मंडलेश्वर(दिलीप दसौंधी, मंडलेश्वर): प्राकृतिक जायद मूंग फसल में मिट्टी बनी सहारा – ग्राम बड़वी तहसील महेश्वर के किसान श्री भगवानराव सालुंके पिछले 5 -7 सालों से प्राकृतिक खेती करके विभिन्न फसलें ले रहे हैं। प्राकृतिक तरीके से उत्पादित गन्ने से निर्मित इनका गुड़ बहुत लोकप्रिय है। इस बार जायद में इन्होंने मूंग लगाया है, जिसमें अरंडी के तेल के साथ मिट्टी के मिश्रण के छिड़काव से फसल पूरी तरह कीट और रोगमुक्त है।
श्री सालुंके ने कृषक जगत को बताया कि प्राकृतिक खेती के तहत इस बार जायद में एक एकड़ में मूंग किस्म पीडीएम -139 की बुवाई 24 मार्च ,गुड़ी पड़वा पर की थी। करीब एक माह की फसल हो गई है। जो कीट और रोगमुक्त होने से स्वस्थ है। कीटनाशक की जगह मिट्टी और अरंडी के तेल के मिश्रण का छिड़काव गत दो साल से कर रहे हैं। इसकी प्रेरणा दक्षिण के सी वेंकट रेड्डी से मिली, जो फसलों में मिट्टी का छिड़काव करते हैं। इसके लिए उन्होंने खेत की ऊपर की मिट्टी की 4 -5 इंच परत हटाकर नीचे की 25 किलो मिट्टी को बड़े बर्तन में रखकर उसमें 700 मिली लीटर अरंडी के तेल को डालकर दोनों हाथों से अच्छी तरह मिलाया और 200 लीटर पानी के ड्रम में डालकर 15 -20 मिनट तक घुमाया , ताकि मिट्टी अच्छी तरह घुल जाए और कचरा ऊपर आ जाए। फिर इस घोल को कपड़े से छानकर स्प्रे किया। अब तक दो स्प्रे किए हैं। फसल बहुत शानदार है। कोई इल्ली या बीमारी का प्रकोप नहीं है। कम लागत में शुद्ध फसल लेने का यह आसान तरीका है। नाइट्रोजन की पूर्ति के लिए इस घोल में 5 लीटर गोमूत्र और अच्छे पोषण के लिए दो किलो अंकुरित अनाज का मिश्रण भी इसमें मिलाया जा सकता है। स्वयं मिट्टी में ही कई तत्व रहते हैं। स्प्रे से मिट्टी पौधों पर चढ़ जाती है, जिससे कीट नहीं आते।
उल्लेखनीय है कि श्री सालुंके ने इस वर्ष खरीफ में प्राकृतिक मक्का भी उगाई जिसमें यही प्रयोग किया। जिससे मक्का फसल में फॉल आर्मी वर्म की शिकायत नहीं आई। करीब 25 क्विंटल /बीघा का उत्पादन मिला। वे अन्य फसलों में भी मिट्टी और अरंडी के तेल का छिड़काव करते हैं। इनके द्वारा प्राकृतिक तरीके से उत्पादित गन्ने से निर्मित गुड़ और हल्दी भी ऑर्डर पर ही बिक जाता है। छोटे रकबे में श्री सालुंके का यह प्रयास सराहनीय और अनुकरणीय है।
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