विदिशा जिले में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन कार्य शुरू
09 दिसम्बर 2023, विदिशा: विदिशा जिले में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन कार्य शुरू – जिले के दो उपार्जन केन्द्रों पर समर्थन मूल्य पर पर धान खरीदी कार्य एक दिसम्बर से शुरू हुआ , किन्तु पंजीकृत किसानों के द्वारा आठ दिसम्बर को धान विक्रय हेतु लाना शुरू किया गया है। विदिशा जिले की सभी 12 तहसीलों के 469 कृषकों के द्वारा समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने हेतु पंजीयन कराया गया है।
राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित के जिला विपणन अधिकारी श्री कल्याण सिंह ने बताया कि एक से सात दिसंबर तक उपार्जन केंद्रों पर किसी भी कृषक के द्वारा धान विक्रय हेतु नही लाई गई है। जिले के पहले कृषक श्री रजनीश दांगी के द्वारा 36.40 क्विंटल धान का विक्रय किया गया है। आज शुक्रवार से दोनों उपार्जन केंद्रों पर पंजीकृत कृषकों के द्वारा विक्रय हेतु धान लाई जा रही है। गौरतलब हो कि पंजीकृत कृषकों से समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का कार्य 19 जनवरी 2024 तक जारी रहेगा।
कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने जिले में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का कार्य सुव्यवस्थित निर्विघ्न रूप से संपन्न हो इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। कलेक्टर ने बताया कि अच्छी औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) के धान का समर्थन मूल्य 2183 रूपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। विदिशा जिले में धान का समर्थन मूल्य पर क्रय करने का कार्य नोडल एजेन्सी विपणन सहकारी संस्था मर्यादित के द्वारा किया जाएगा। विदिशा जिले की दो तहसीलो में एक-एक उपार्जन केन्द्र संचालित किया जाएगा जिसमें विदिशा तहसील में स्टेट वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन गोदाम मेला परिसर में तथा शमशाबाद तहसील में कृष्णा न्यूट्रीमेंटस 16, महानीम चौराहा शमशाबाद में उपार्जन किया जाएगा।
धान उपार्जन कार्य सप्ताह के पांच दिन प्रातः आठ बजे से सायं आठ बजे तक किया जाएगा। तौल पर्ची सांय छह बजे तक जारी की जाएगी। सप्ताह के शेष दो दिन शनिवार एवं रविवार को शेष स्कंध का परिवहन, भण्डारण व लेखा का मिलान तथा अस्वीकृत स्कंध का अपग्रेडेशन, वापसी का निराकरण किया जाएगा। गोदाम स्तर पर गुणवत्ता परीक्षण में पाए जाने वाले नॉन एफएक्यू स्कंध का भण्डारण उपार्जन समिति द्वारा गोदाम, केप पर नहीं किया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में पांच दिवस से अधिक गोदाम, केप पर भण्डारण नहीं किया जाएगा। एफएक्यू के अनुरूप उपार्जन का दायित्व संबंधित उपार्जन केन्द्र चलाने वाली संस्था का होगा। कृषकों को स्लॉट बुकिंग के माध्यम से नियत उपार्जन केन्द्र, तिथि या दिनांक को ही यथा संभव उपज लाकर तौल कराने की कार्यवाही की जाएगी ताकि केंद्रों पर अप्रिय स्थिति निर्मित ना हो।
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