राज्य कृषि समाचार (State News)

एन.पी.के. सभी पोषक तत्वों की आपूर्ति का अच्छा विकल्प – उप संचालक कृषि  

20 नवंबर 2024, नर्मदापुरम: एन.पी.के. सभी पोषक तत्वों की आपूर्ति का अच्छा विकल्प – उप संचालक कृषि –  उप संचालक कृषि ,नर्मदापुरम ने बताया कि किसान  रबी फसलों की बुवाई हेतु एन.पी.के. 20:20:0:13, एन.पी.के. 16:16:16, आदि का उपयोग कर फसलों में  पोषक  तत्वों की आपूर्ति कर सकते है।

फसलों की बुवाई के समय उपरोक्त एन.पी.के. उर्वरकों का प्रयोग लाभकारी है। एन.पी.के. 20:20:0:13, में नाइट्रोजन-20 प्रतिशत, फास्फोरस 20 प्रतिशत, पोटेशियम 0 प्रतिशत, सल्फर 13 प्रतिशत जबकि एन.पी. के. 16:16:16 मे नाइट्रोजन-16 प्रतिशत, फास्फोरस-16 प्रतिशत, पोटेशियम-16 प्रतिशत होता है, इनमें डी.ए.पी. की तुलना में क्रमशः 13 प्रतिशत सल्फर व 16 प्रतिशत पोटेशियम अतिरिक्त रहता है जिससे उपज के दानों में चमक तथा वजन बढ़ाने तथा पौधे में कीट-व्याधि रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में इनकी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। एन. पी. के. उर्वरक सभी प्रकार की भूमि तथा फसलों में उपयोग किया जा सकता है, यह घुलनशील प्रकृति का है, जबकि डी.ए.पी. नहीं है। इस कारण से एन.पी. के. का असर, डी.ए.पी. की तुलना में फसलों पर शीघ्र दिखाई देता है। किसान , डी.ए.पी. की जगह अधिक लाभकारी वैकल्पिक उर्वरक एन.पी.के. 20:20:0:13, तथा एन.पी. के. 16:16:16, का प्रयोग करे, ताकि फसलों की बुवाई, वृद्धि तथा उपज प्रभावित न हो।

वर्तमान में जिले के समस्त डबल लॉक उर्वरक विक्रय केंद्रों में एन.पी.के. 20:20:0:13, मे 227 मे. तथा एन.पी. के. 16:16:16, 529 मे.टन. तथा जिले की समस्त सहकारी समितियों में 635.175 मे.टन एन.पी. के उपलब्ध है। जिले के विभिन्न निजी उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों पर लगभग 728.00 मे.टन एन.पी.के उर्वरक उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त जिले की विभिन्न निजी उर्वरक विक्रेताओं तथा डबल लॉक केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा मे ट्रिपल सुपर फास्फेट नामक उर्वरक उपलब्ध है। ट्रिपल सुपर फास्फेट का उपयोग कर किसान फास्फोरस की आपूर्ति कर सकते हैं। ट्रिपल सुपर फास्फेट से डीएपी के बराबर ही 46 प्रतिशत फास्फोरस की उपलब्धता होती है  विगत वर्षों मे जिले  में  एन.पी. के उर्वरकों के किसानों द्वारा उपयोग की मात्रा देखने पर स्पष्ट है कि फसलों की उपज मे बढ़ोतरी होने के साथ ही जिले के  किसानों का एन.पी. के. उर्वरकों के उपयोग की ओर रुझान बढ़ा है। वर्ष 2022-23 में कुल 4543 मे.टन, वर्ष 2023-24 में 7689 मे.टन जबकि इस वर्ष आज दिनांक तक 17676 मे टन एन.पी. के उर्वरकों का उपयोग किसान  द्वारा किया गया है। वर्ष प्रतिवर्ष एन.पी. के.  उर्वरकों  के उपयोग संबंधी  बढ़ते  हुए आंकडों से यह पता लगता है कि किसानों द्वारा इसका प्रयोग सतत रूप से प्रचलन  में  लाया जा रहा है।

उप संचालक कृषि ने  किसानों से  अनुरोध किया है कि मृदा का प्रकार व फसल की आवश्यकतानुसार संतुलित मात्रा में पोषक तत्वों की आपूर्ति हेतु उपर दिये गये विभिन्न प्रकार के एन.पी. के उर्वरकों का उपयोग  करें  तथा अपने खेत के  मिट्टी  की जांच  कृषि  विभाग  के माध्यम से निशुल्क  करें  तथा उसमें अनुशंसित मात्रा अनुसार उर्वरको का उपयोग कर भरपूर फसल लें।

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