रबी वर्ष 2024-25 की समीक्षा और खरीफ 2025 की तैयारियों संबंधी बैठक
27 जून 2025, भोपाल: रबी वर्ष 2024-25 की समीक्षा और खरीफ 2025 की तैयारियों संबंधी बैठक – कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक वर्णवाल ने कहा है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्य पर निरंतर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि की उन्नत तकनीक अपनाने, फसलों के विविधीकरण तथा खेती के साथ पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन आदि गतिविधियों के लिए प्रेरित किया जाए। सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें और किसानों के खेत पर जाकर उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराएं।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्री वर्णवाल ने नर्मदा भवन में रबी वर्ष 2024-25 की समीक्षा और खरीफ 2025 की तैयारियों संबंधी भोपाल एवं नर्मदापुरम संभाग की संयुक्त बैठक ली।
बैठक में बताया गया कि खरीफ 2024 में भोपाल जिले में एक लाख 7 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन, 28 हजार हेक्टेयर में धान, 8 हजार हेक्टेयर में मक्का तथा 1600 हेक्टेयर में अरहर बोई गई थी। इसी प्रकार रायसेन जिले में 58 हजार 932 हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन, 2 लाख 74 हजार 547 हेक्टेयर में धान, 16 हजार 489 हेक्टेयर में मक्का तथा 15 हजार 193 हेक्टेयर में अरहर, विदिशा जिले में तीन लाख 82 हजार 250 हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन, एक लाख 2 हजार 528 हेक्टेयर में धान, 21 हजार 931 हेक्टेयर में मक्का, 7 हजार 526 हेक्टेयर में उड़द तथा 3 हजार 882 हेक्टेयर में ज्वार, राजगढ़ जिले में 4 लाख 36 हजार 742 हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन, 28 हजार 301 हेक्टेयर में मक्का तथा सीहोर जिले में 3 लाख 20 हजार 920 हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन, 27 हजार हेक्टेयर में धान, 32 हजार हेक्टेयर में मक्का तथा एक हजार हेक्टेयर क्षेत्र में अरहर बोई गई थी। इस वर्ष धान के क्षेत्र में कमी तथा सोयाबीन और अरहर के क्षेत्र में वृद्धि की संभावना है।
श्री वर्णवाल ने कहा कि किसानों को बीज की उन्नत किस्में बोने के लिए प्रेरित किया जाए। बायो फोर्टिफाइड गेहूँ के बीज में आयरन और जिंक की मात्रा होती है जो कि स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। किसानों को गेहूं के इस बीज की किस्म एचआई 1650, 1636, 1633, 1655 बोने के लिए प्रेरित किया जाए। पूसा अरहर 16 अच्छी फसल है और इसका उत्पादन भी ज्यादा है। किसानों को फसलों के विविधीकरण के लिए प्रेरित करें।
प्रेशराइज्ड पाइप प्रणाली के माध्यम से सिंचाई के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए
श्री वर्णवाल ने कहा कि किसानों को प्रेशराइज्ड पाइप प्रणाली के माध्यम से सिंचाई के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। खेत में पाइप लाइन डालने पर सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है। सभी जिलों में मृदा परीक्षण प्रयोग शालाएं कार्य कर रही हैं, इनके माध्यम से अधिक से अधिक मृदा परीक्षण करवाए जाएं। कस्टम हायरिंग केन्द्रों के माध्यम से किसानों को खेती के लिए उन्नत कृषि यंत्र एवं उपकरण भी उपलब्ध करवाए जाएं।
एनपीके उर्वरक इस्तेमाल करने की सलाह दी जाए
कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि किसानों को डीएपी उर्वरक के स्थान पर एनपीके उर्वरक इस्तेमाल करने की सलाह दी जाए। एनपीके में फसलों के लिए उपयोगी सभी पोषक तत्व होते हैं। उर्वरक वितरण के लिए डबल लॉक केन्द्रों का आधुनिकीकरण किया जाए तथा प्रयास किया जाए कि किसानों को लाइन में खड़ा न होना पड़े और उनके बैठने की अच्छी व्यवस्था की जाए। किसानों को समझाया जाए कि नरवाई जलाना खेत के लिए अत्यंत हानिकारक है। नरवाई जलाने के स्थान पर हैप्पीसीडर, सुपर सीडर से बुआई करने पर खेत को नुकसान नहीं होता, उसके पोषक तत्व बने रहते हैं तथा उत्पादकता अधिक आती है। जिन किसानों ने हैप्पी सीडर का उपयोग कर बुआई की उन्हें बहुत अच्छे परिणाम मिले हैं, उन किसानों को रोल मॉडलों के रूप में प्रचारित करें।
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