राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश में एक साल में हुए कई बड़े बदलाव: कृषि, उद्योग और संस्कृति का संगम

14 दिसंबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश में एक साल में हुए कई बड़े बदलाव: कृषि, उद्योग और संस्कृति का संगम – मध्यप्रदेश सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में विभिन्न क्षेत्रों में चहुँमुखी विकास के साथ महत्वपूर्ण उपलब्धियां दर्ज की गई हैं। प्रदेश ने अपनी सांस्कृतिक विरासत को संजोते हुए आर्थिक और औद्योगिक विकास में कई नई पहल की हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को मीडिया के साथ संवाद करते हुए इन उपलब्धियों को साझा किया और आगामी योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की।

औद्योगिक विकास के लिए नई पहल

प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और रोड शो का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य हर क्षेत्र के औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करना था। इस पहल के परिणामस्वरूप प्रदेश में नए निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो उद्योगों के विस्तार और रोजगार के अवसरों में वृद्धि की संभावनाओं को बढ़ावा देंगे।

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सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के तहत श्रीराम वन गमन पथ, श्रीकृष्ण पाथेय और विक्रम संवत की पुनर्स्थापना के प्रयास किए गए हैं। इन पहलों से प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है।

मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान और जनकल्याण पर्व

प्रदेश में 11 दिसम्बर से मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान और राज्य सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर जनकल्याण पर्व शुरू किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित नागरिकों तक लाभ पहुँचाना और जन समस्याओं का मौके पर समाधान करना है। इस दौरान 63 सेवाओं के तहत शिविर लगाकर आम जनता को सेवाएँ प्रदान की जाएंगी।

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किसान योजनाओं का विवरण

किसानों के कल्याण के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिससे किसानों को एक ही स्थान पर आवश्यक सेवाएं और सहायता प्राप्त हो सके। इसके अलावा, रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना के तहत किसानों को 1 हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से अतिरिक्त सहायता दी जाएगी।

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मुख्यमंत्री किसान कल्याण सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को 6 हजार रुपये प्रति वर्ष का भुगतान सीधे उनके खातों में किया जा रहा है। इसके अलावा, समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं पर 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस भी किसानों को प्रदान किया जाएगा। सोयाबीन उपार्जन के लिए 4,892 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य तय किया गया है।

फसल की बोनी के सही आकलन के लिए डिजिटल क्रॉप योजना लागू की गई है। इससे किसानों को फसल के उत्पादन की सटीक जानकारी मिलेगी और वे अपनी फसल के लिए उचित निर्णय ले पाएंगे। राजस्व महाअभियान के अंतर्गत 80 लाख से अधिक लंबित प्रकरणों का निपटारा किया गया है। राजस्व महाअभियान 3.0 की शुरुआत भी की जा चुकी है।

राज्य सरकार ने सिंचाई के क्षेत्र में भी बड़े कदम उठाए हैं। 1320 करोड़ रुपये की लागत से चितरंगी दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी गई है, जो सिंगरौली जिले में 32 हजार 125 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता विकसित करेगी। जावद-नीमच सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के लिए 4 हजार 197 करोड़ 58 लाख रुपये की लागत से कार्य किया जाएगा।

रोड-मेप : विकसित मध्यप्रदेश का सपना

राज्य सरकार ने विकसित मध्यप्रदेश के सपने को साकार करने के लिए एक विस्तृत रोड-मेप तैयार किया है। इस रोड-मेप के तहत प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने और सिंचित क्षेत्र को 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 1 करोड़ हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है।

साथ ही, किसानों की ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लिए सौर ऊर्जा आधारित पंप प्रदान किए जाएंगे। चार वर्षों में 1 लाख 25 हजार अस्थाई विद्युत कनेक्शन वाले किसानों को सौर ऊर्जा पंप प्रदान करने की योजना बनाई गई है।

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दुग्ध समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों का विस्तार

प्रदेश में प्राथमिक दुग्ध समितियों का विस्तार किया जाएगा, जो वर्तमान में 8,500 गाँवों में हैं। अगले चार वर्षों में इन्हें 15,000 गाँवों तक विस्तारित किया जाएगा। महिला स्व-सहायता समूहों (एसएचजी) को भी जन आंदोलन का रूप देने की योजना है। वर्तमान में 25 लाख महिलाएं एसएचजी से जुड़ी हुई हैं, जिसे चार वर्षों में 50 लाख तक बढ़ाने का लक्ष्य है।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत उन परिवारों को घर प्रदान किए जाएंगे, जो पहले चरण में किसी कारणवश योजना का लाभ नहीं ले सके थे। इस योजना का उद्देश्य शहरी गरीब और मध्यम आय वर्ग के परिवारों को आवास उपलब्ध कराना है।

पशुपालकों के लिए नई योजनाएं

पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए 10 दुधारू पशु पालने पर अनुदान दिया जाएगा। साथ ही दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए बोनस भी प्रदान किया जाएगा। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

जल संवर्धन और नदी जोड़ो परियोजना

जल संरक्षण के लिए कान्ह-गंभीर नदी जोड़ो परियोजना के तर्ज पर और परियोजनाएं स्वीकृत की जाएंगी। साथ ही, प्रदेश की गौशालाओं के सुचारू संचालन के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। जल संवर्धन अभियान और जनकल्याण अभियान प्रतिवर्ष आयोजित किए जाएंगे, जिससे जल संरक्षण और विकास कार्यों में जन भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।

संकल्प-पत्र की पूर्ति

मध्यप्रदेश सरकार ने चुनाव के दौरान जनता के साथ किए गए 456 संकल्पों में से 45 संकल्पों को पहले ही पूरा कर लिया है, जबकि 268 संकल्पों पर तेजी से काम चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगले चार वर्षों में शेष सभी संकल्पों को पूरा करने का लक्ष्य है।

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