राज्य कृषि समाचार (State News)

मालवा की दुग्ध परंपरा को मिलेगा नवसंजीवन

08 जुलाई 2025, उज्जैन: मालवा की दुग्ध परंपरा को मिलेगा नवसंजीवन – जिस प्रकार इंदौर ने स्वच्छता में पहला स्थान प्राप्त किया है, उसी प्रकार उज्जैन, दुग्ध उत्पादन में मध्यप्रदेश में शीर्ष पर पहुंचेगा,मालवा क्षेत्र पारंपरिक रूप से पशुपालन और दुग्ध उत्पादन में अग्रणी रहा है।

एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन की सफलता का उल्लेख होता है और बच्चों में भी आज स्वच्छता के प्रति जागरूकता आई है, उसी तरह डेयरी सेक्टर में भी सजगता आवश्यक है।

Advertisement
Advertisement

नगर निगम उज्जैन की सभापति श्रीमती कलावती यादव ने इंडियन डेयरी एसोसिएशन पश्चिम क्षेत्र  एवं विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान में “मध्य प्रदेश में डेयरी विकास: संभावनाएँ एवं चुनौतियाँ”विषय पर विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में आयोजित पश्चिम क्षेत्रीय दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए उपरोक्त उद्गार व्यक्त किये ।यह  आयोजन 44 वर्षों बाद किया गया,इसमें पश्चिम क्षेत्र के 5 राज्यों की भागीदारी रही। संगोष्ठी में देशभर के दुग्ध उत्पादकों के साथ कंपनियों,मैनेजमेंट के अलावा तकनीकी क्षेत्रों के विशेषज्ञों की सहभागिता रही।

अपने संबोधन में निगम सभापति श्रीमती यादव ने मालवा क्षेत्र की पारंपरिक दुग्ध-प्रधान संस्कृति को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “मालवा की धरती डग-डग रोटी, पग-पग नीर की तरह ही पशुपालन और दुग्ध उत्पादन में भी समृद्ध रही है। यह हमारी विरासत है और इसका आधुनिकीकरण समय की मांग है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान की तुलना करते हुए कहा कि जैसे स्वच्छता की चेतना देश में आई, वैसे ही अब डेयरी के क्षेत्र में जागरूकता लाना आवश्यक है।

Advertisement8
Advertisement

श्रीमती यादव ने विश्वास व्यक्त किया कि उज्जैन भी जल्द ही दुग्ध उत्पादन में प्रदेश में शीर्ष स्थान प्राप्त करेगा।उन्होंने अपने पारिवारिक अनुभव साझा करते हुए बताया कि उनके पिता ने 100 वर्ष की आयु तक नियमित रूप से दूध का सेवन किया और उनके पति, जो हृदय रोगी थे, वे भी दूध का नियमित सेवन करते रहे। उन्होंने कहा कि गाय के दूध और घी का उपयोग औषधि की तरह किया जाता रहा है और आज भी इसकी प्रासंगिकता बनी हुई है।

Advertisement8
Advertisement

मध्यप्रदेश डेयरी उत्पादन में देश में अग्रणी बने

समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री की परिकल्पना है कि मध्यप्रदेश डेयरी उत्पादन में देश में अग्रणी बने। उन्होंने आंकड़ों के साथ बताया कि आने वाले पांच वर्षों में राज्य को 25 से 30 हज़ार डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट्स की आवश्यकता होगी। उन्होंने यह घोषणा भी की कि विक्रम विश्वविद्यालय में जल्द ही डेयरी टेक्नोलॉजी से जुड़े कोर्स शुरू किए जाएंगे, जो प्रदेश के युवाओं के लिए नए अवसर लेकर आएंगे। उन्होंने आईसीएआर नई दिल्ली से आई विशेषज्ञों की प्रस्तुतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि “हमें अब भी यह स्वीकार करना होगा कि हम तकनीकी शिक्षा के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में अभी पीछे हैं। विक्रम विश्वविद्यालय इस कमी को पूरा करने के लिए तैयार है।”

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisement8
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement