दुग्ध उत्पादकों को मिलेगा फायदा: डॉ. मोहन यादव
20 फ़रवरी 2025, भोपाल: दुग्ध उत्पादकों को मिलेगा फायदा: डॉ. मोहन यादव – मध्यप्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को और अधिक फायदा मिलेगा इसलिए सरकार ने प्रदेश में कार्य करने वाली दुग्ध समितियों की संख्या दुगनी करने का फैसला लिया है। सरकार का यह मानना है कि यदि दुग्ध समितियों की संख्या ओर अधिक बढ़ा दी जाती है तो इससे किसानों को भी लाभ मिलेगा क्योंकि अधिकांश किसानों द्वारा पशु पालन किया जाता है और दुग्ध को समितियों आदि तक पहुंचाया जाता है।
गौरतलब है कि दुग्ध उत्पादकों को अधिकाधिक फायदा हो सके इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर काम कर रही है। इसी कड़ी में तय किया गया है कि प्रदेश में कार्यरत दुग्ध समितियों की संख्या बढ़ाकर दोगुनी की जाए, जिससे की हर दुग्ध उत्पादक तक समितियों की पहुंच बन सके। इससे दुग्ध उत्पादकों को सही दाम मिल सकें। इसके लिए अगले पांच सालों तक मप्र स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और उससे जुड़े दुग्ध संघों का प्रबंधन और संचालन का जिम्मा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को सौंपने का तय कर लिया गया है। इसके लिए एक एमओयू प्रदेश सरकार और एनडीडीबी के बीच किया जाएगा।यह एमओयू केंद्रीय मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 25 फरवरी को भोपाल में किया जाएगा। इसके लिए ड्राफ्ट भी तैर्ार कर लिया गया है। ड्राफ्ट में किए गए प्रावधान के अनुसार पहले चरण में आने वाले तीन साल में दुग्ध समितियों की संख्या दोगुनी यानी 6 हजार से बढ़ाकर 12 हजार करने का लक्ष्य है। ऐसे ही 3 साल में दूध कलेक्शन तीन गुना यानी 8 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 25 लाख लीटर रोजाना करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए भोपाल समेत सभी 6 दुग्ध संघों का संचालन और प्रबंधन एनडीडीबी करेगा। इस दौरान न तो एनडीडीबी दुग्ध संघों को अपने आधिपत्य में लेगा और न ही ब्रांड सांची के नाम में बदलाव करेगा। उल्लेखनीय है कि बीते साल सितंबर में भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ भारत सरकार की पशुपालन एवं डेयरी सचिव अल्का उपाध्याय व राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आनंद (गुजरात) के अध्यक्ष एवं प्रबंध संचालक मीनेश शाह ने बैठक की थी। बैठक में दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण को लेकर चर्चा हुई थी। साथ ही बैठक में मप्र सरकार और एनडीडीबी के बीच एमओयू को लेकर सैद्धांतिक सहमति बनी थी।
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