State News (राज्य कृषि समाचार)

मध्यप्रदेश सरकार ज्यादातर कृषि भूमि को प्राकृतिक खेती के दायरे लाने के लिये कटिबद्ध: श्री सेलवेन्द्रन

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29 अगस्त 2023, भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार ज्यादातर कृषि भूमि को प्राकृतिक खेती के दायरे लाने के लिये कटिबद्ध: श्री सेलवेन्द्रन – प्रदेश सरकार राज्य में खेती-किसानी को उन्नत बनाने के प्रयासों के साथ किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए भी निरंतर प्रोत्साहित कर रही है। यह बात आयुक्त कृषि श्री एम. सेलवेन्द्रन ने कृषि विभाग द्वारा डब्ल्यू.आर.आई. इण्डिया और फूड एण्ड लेण्ड यूज कोलिएशन (फोलू) इण्डिया के सहयोग से आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। कार्यशाला में विभिन्न संगठनों के सदस्य और कृषि विभाग के 150 से अधिक अधिकारी शामिल हुए। प्रतिभागी संगठनों ने भी अपने प्रेजेंटेशन दिए। कार्यशाला को एम.डी. मण्डी बोर्ड श्री श्रीमन शुक्ला ने भी संबोधित किया।

आयुक्त कृषि श्री सेलवेन्द्रन ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की ज्यादातर कृषि भूमि को सतत एवं प्राकृतिक खेती के दायरे लाने के लिये कटिबद्ध है। यह कार्यशाला ऐसी खेती को सीखने और उसकी समुचित योजना बनाने में कारगर साबित होगी। पूरे देश में सतत और उन्नत कृषि पद्धतियों के सफल मॉडल्स का परीक्षण करना और विशेष रूप से मध्यप्रदेश के लिये सर्वाधिक उपयुक्त पद्धतियों की पहचान करना कार्यशाला का उद्देश्य है। इन मॉडल्स में कृषि मूल्य श्रंखला से जुड़े विभिन्न पहलुओं को भी शामिल किया गया है। प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती के रकबे को बढ़ाने के लिये किसानों को देशी गाय के पालन के लिये 900 रूपये अनुदान दे रही है।

कार्यशाला में डब्ल्यूआरआई इण्डिया की सस्टेनेबल लेण्ड स्केप एण्ड रि-स्टोरेशन इकाई की निदेशक डॉ. रुचिका सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश भारत के अन्य राज्यों को सतत खाद्य प्रणालियों में रूपांतरण का बेहतर रास्ता दिखा सकता है। फोलू इण्डिया के कंट्री को-ऑर्डिनेटर डॉ. जयहरि के.एम. ने कहा कि यह खुशी की बात है कि मध्यप्रदेश सरकार सभी संबंधित हितधारकों को फायदा पहुँचाने के लिये समावेशी और समग्र लाभ पहुँचाने के दृष्टिकोण से किये जा रहे प्रयासों को आगे बढ़ाने में हर संभव मदद कर रही है। उल्लेखनीय है कि डब्ल्यूआरआई इण्डिया ने गत वर्ष मध्यप्रदेश सतत कृषि कार्यक्रम परियोजना को कुछ चुनिंदा जिलों में लागू करने के लिये कृषि विभाग से एमओयू साइन किया था। एमओयू के अंतर्गत छिंदवाड़ा, हरदा, जबलपुर और सीहोर जिले को सतत एवं उन्नत कृषि कार्यक्रम के पायलेट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है|

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