सुगंध पौधों का महत्व
11 अप्रैल 2024, भोपाल: सुगंध पौधों का महत्व – सुगंध पौधों से प्राप्त होने वाले इसेंशियल ऑइल का उपयोग आधुनिक सुगंध एवं सौंदर्य प्रसाधन उद्योग में व्यापक रूप में हो रहा है। सुगंध पौधों का तेल मुख्यत: इत्र, साबुन, धुलाई का साबुन, घरेलू शोधित्र, तकनीकी उत्पादों तथा कीटनाशक के रूप में होता है। साथ ही सुगंध तेल का उपयोग चबाने वाले तंबाकू, मादक द्रवों, पेय पदार्थों, सिगरेट तथा अन्य विभिन्न खाद्य उत्पादों के बनाने में भी किया जाता है। सुगंध पौधे, जैसे कि पुदीना के तेल का उपयोग च्यूइंगम, दंत मंजन, कन्फेक्शनरी और भोजन पदार्थों में होता है। खस जैसी सुगंध फसल से सुगंधित द्रव तथा सुगंध स्थिरक व फिक्सेटीव के रूप में प्रयोग होता है।
भारत में इन पौधों की खेती के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। आज इन पौधों को खेती के बड़े पैमाने पर वैकल्पिक औषधि एवं सुगंध के रूप में उपयोग किया जाता है। औषधीय एवं सुगंध पौधों के लिए वैश्विक/राष्ट्रीय बाज़ार की उपलब्धता का होना भी इन पौधों की खेती के लिए उत्तम है। भारत में इन पौधों की खेती के लिए कृषि-प्रौद्योगिकियों, प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों की उपलब्धता का होना भी खेती करने के लिए कृषकों को आसान बनाता है। औषधीय एवं सुगंध पौधों की खेती से टिकाऊ आधार पर लाभप्रद रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है। भारत में उत्पादन होने वाला सुगंध पौधों का तेल फ्रांस, इटली, जर्मनी व संयुक्त राज्य अमेरिका को निर्यात किया जाता है। आज देश के हजारों किसान औषधीय एवं सुगंध पौधों की खेती करके अधिक मुनाफा कमा सकते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
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