पराली जलाने के बजाय सुपर सीडर से खेती कर रहे ग्वालियर के किसान, संभाग आयुक्त ने की सराहना
21 नवंबर 2024, भोपाल: पराली जलाने के बजाय सुपर सीडर से खेती कर रहे ग्वालियर के किसान, संभाग आयुक्त ने की सराहना – ग्वालियर संभाग के आयुक्त श्री मनोज खत्री ने बुधवार को मिलावली गाँव का दौरा कर पर्यावरण के प्रति जागरूक किसानों का उत्साहवर्धन किया। इस गाँव के किसानों ने पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए सुपर सीडर तकनीक अपनाई है। अब वे धान की कटाई के बाद सीधे गेहूँ की बुवाई कर रहे हैं।
पराली प्रबंधन में मिसाल बने मिलावली के किसान
मिलावली गाँव के किसानों ने पराली और फसल अवशेष जलाने की परंपरा को छोड़कर सुपर सीडर का उपयोग शुरू किया है। इस तकनीक से फसल अवशेष को खेत में ही मिट्टी में मिलाकर हरी खाद में बदल दिया जाता है। इससे न केवल पर्यावरण सुरक्षित रहता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है।
गाँव के किसान श्री अमृतलाल ने बताया कि पहले पराली जलाने से गेहूँ की बुवाई में देरी होती थी, जिससे फसल पर तापमान का असर पड़ता और उत्पादन घट जाता। सुपर सीडर ने यह समस्या हल कर दी है। अब समय और लागत दोनों की बचत हो रही है।
गाँव में बढ़ा सुपर सीडर का उपयोग
मिलावली के किसानों का कहना है कि तीन साल पहले गाँव में केवल एक सुपर सीडर था। इसके फायदों को देखकर अब पाँच सुपर सीडर उपयोग में आ रहे हैं। किसानों ने संभाग आयुक्त से अपील की कि जिले के अन्य किसानों को भी सुपर सीडर अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
सरकार दे रही है अनुदान
संभागीय कृषि यंत्री श्री जी.सी. मर्सकोले ने जानकारी दी कि सुपर सीडर खरीदने के लिए सरकार किसानों को ₹1.05 लाख तक का अनुदान दे रही है। सुपर सीडर की कीमत ₹2.5 से ₹3 लाख तक होती है।
संभाग आयुक्त श्री खत्री ने कृषि विभाग और मैदानी अमले को निर्देश दिया कि गाँव-गाँव जाकर सुपर सीडर के फायदों के बारे में किसानों को जागरूक करें। उन्होंने यह भी कहा कि पराली जलाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दिया जाए।
भ्रमण के दौरान श्री खत्री ने किसानों से जल संरक्षण और संवर्धन कार्यों में सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने मनरेगा के तहत जल सहेजने संबंधी कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए।
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