किसानों को पराली न जलाने के लिए किया जागरूक
29 सितम्बर 2025, श्योपुर: किसानों को पराली न जलाने के लिए किया जागरूक – पराली प्रबंधन के संबंध में कराहल विकासखंड के ग्राम खिरखिरी में कृषक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से कृषकों को पराली प्रबंधन में उपयोग होने वाले आधुनिक कृषि यंत्रों सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, स्मार्ट सीडर, मल्चर, स्ट्रॉ रीपर एवं बेलर के संबंध में जानकारी दी गई तथा उन्हें पराली न जलाने के लिए जागरूक किया गया। इस अवसर पर सीईओ जनपद श्री राकेश शर्मा, तहसीलदार सुश्री रोशनी शेख, एसएडीओ श्री राजू जाटव, कृषि विस्तार अधिकारी श्री संजू शाक्य, श्री सचिन बिरला आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर किसानों को सुपर सीडर के बारे में जानकारी देते हुए स्थानीय किसान श्री मोहन सिंह धाकड़ के खेत में सुपर सीडर को चलाकर दिखाया गया।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि पराली जलाने से पर्यावरण में प्रदूषण, भूमि की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है। मिट्टी में उपलब्ध लाभदायक जीवाणु, फंगस, मित्र कीट, कार्बनिक पदार्थ जलकर नष्ट हो जाते है। जिससे जमीन कठोर एवं मृत हो रही है तथा मिट्टी का तापमान बढ़ रहा है। पराली जलाने से कोई लाभ नही है। बल्कि इसके कई हानिकारक प्रभाव है। जिससे जमीन में आवश्यक पोषक तत्वों की निरंतर कमी हो रही है एवं मिट्टी में कार्बन तत्व निरंतर कम हो रहा है। जिससे असंतुलन की स्थिति निर्मित हो रही है। धान की कटाई के बाद सुपर सीडर से सीधी बिना पलेवा, बिना जुताई किये हुये धान में उपलब्ध नमी का उपयोग करते हुए गेहूं एवं अन्य फसलों की बुवाई की जा सकती है। जिससे कृषकों का जुताई में लगने वाला डीजल एवं पलेवा में लगने वाले पैसे की बचत होगी।
किसानों से अपील की गई कि किसान भाई धान की पराली में आग नहीं लगाएं, बल्कि इसका उचित प्रबंधन करे। धान की पराली से कम्पोस्ट खाद भी तैयार की जा सकती है। कृषक ज्यादा से ज्यादा सुपर सीडर यंत्र के आवेदन ऑनलाइन करें ,जिससे धान की पराली का प्रभावी नियंत्रण हो सके। हार्वेस्टर में एस.एम.एस सिस्टम का उपयोग करने की सलाह दी गई।
आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture