मध्यप्रदेश: किसानों के लिए सस्ती और प्रदूषण मुक्त बिजली, सौर ऊर्जा पर फोकस
05 दिसंबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश: किसानों के लिए सस्ती और प्रदूषण मुक्त बिजली, सौर ऊर्जा पर फोकस – मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेशवासियों को सस्ती और प्रदूषण मुक्त बिजली उपलब्ध कराने के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में इस दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया। साथ ही, प्रधानमंत्री के 2030 तक 50 प्रतिशत ऊर्जा नवकरणीय संसाधनों से आपूर्ति करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य में सौर एवं पवन ऊर्जा के स्रोतों को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया।
किसानों के लिए दिन के समय बिजली सुनिश्चित करने की योजना
राज्य में किसानों द्वारा ऊर्जा का 41% उपभोग किया जाता है। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को दिन के समय बिजली उपलब्ध कराने के लिए सोलर ऊर्जा उत्पादन को प्राथमिकता दी जाएगी। सभी सरकारी भवनों पर सोलर रूफटॉप लगाने का कार्य मिशन मोड में शुरू किया जाएगा। स्कूल, अस्पताल, और अन्य सरकारी विभागों के भवनों को इस योजना में शामिल किया जाएगा।
सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाएं बनेंगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा की क्षमता पिछले 12 वर्षों में 14 गुना बढ़ी है। सौर ऊर्जा की प्रति यूनिट लागत लगभग ₹2.50 है, जो पारंपरिक कोयला आधारित बिजली से किफायती है। राज्य में आगर, शाजापुर, नीमच और ओंकारेश्वर जैसे जिलों में बड़े सौर ऊर्जा पार्क स्थापित किए गए हैं। ओंकारेश्वर में विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर परियोजना भी तैयार हो चुकी है।
मुरैना जिले में हाईब्रिड नवकरणीय ऊर्जा परियोजना पर काम जारी है। इस परियोजना के पहले चरण में 600 मेगावाट सोलर ऊर्जा के साथ स्टोरेज की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जिससे सुबह और शाम के पीक समय में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।
प्रदेश में उज्जैन, आगर, धार, रतलाम और मंदसौर जिलों में पवन ऊर्जा पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। इनसे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और किसानों को सस्ती बिजली मिलेगी।
कुसुम योजना से किसानों को सीधा लाभ
बैठक में कुसुम योजना की प्रगति पर चर्चा हुई। इस योजना के तहत किसानों को सोलर पंप के जरिए बिजली उपलब्ध कराने के लिए वित्तीय मदद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ एमओयू के तहत दी जा रही है। साथ ही, इंडो-जर्मन सोलर एनर्जी पार्टनरशिप के तहत नई परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
सौर ऊर्जा के साथ-साथ ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं पर भी काम जारी है। मुरैना में बनाई जा रही हाईब्रिड परियोजना में स्टोरेज तकनीक को शामिल किया गया है, जो भविष्य में प्रदेश को ऊर्जा संकट से बचाने में मददगार होगी।
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