अल्प वर्षा से निपटने हेतु किसानों को सलाह दी गई
06 सितम्बर 2023, इंदौर: अल्प वर्षा से निपटने हेतु किसानों को सलाह दी गई – जिले के किसानों से अपील की गई है कि वर्षा की खेंच अधिक होने से खरीफ सीजन की सोयाबीन एवं अन्य फसलें मुरझा रही है। वर्तमान में सोयाबीन फसल अन्तर्गत जल्दी पकने वाली किस्मों में फलियों में दाने भरने की वस्था में है। मध्यम अवधि वाली किस्म या लम्बी अवधि वाली किस्में फूल आने की अवस्था में है। वर्तमान में फसलों में नमी का होना आवश्यक है।
सहायक संचालक कृषि संगीता तोमर ने किसानों को सलाह दी है कि भूमि में नमी बनाये रखने हेतु किसान सिंचाई साधन की उपलब्धता होने पर फसलों में स्प्रिंकलर, ड्रिप, रेनगन आदि से सिंचाई करने पर पौधों में रन्ध्र (स्टोमेटा) के माध्यम से पानी का अवशोषण तेजी से बढ़ेगा एवं फसल सुरक्षित रहेगी। फूल या फलियों में दाने भरने की स्थिति में यदि भूमि दरार आने की प्रारम्भिक अवस्था में ही सिंचाई करें। जिन किसानों के पास पर्याप्त मात्रा में पानी की उपलब्धता होने पर सतही सिंचाई सायंकाल से लेकर प्रातः काल तक की अवधि में सिंचाई करना लाभदायक होगी।
खरीफ फसलों में जैसे सोयाबीन, मक्का कपास, अरहर, सब्जीवर्गीय एवं फलदार पौधों मे सूखे से निपटने के लिए घास या गेहूं भूसा आदि कतारों के बीच बिछाएं, जिससे भूमि में नमी संरक्षण लम्बे समय तक बना रहेगा । थायो यूरिया 500 लीटर पानी मे 375 ग्राम प्रति हेक्टर की दर से फसल पर छिड़काव करने से लाभ होगा। पोटेशियम नाइट्रेट 5 किग्रा. 500 लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करने से पौधों मे सूखा सहन करने की क्षमता बढ़ेगी।
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