राज्य कृषि समाचार (State News)

बालाघाट में बंजर भूमि पर लाख की खेती करने का जतन

22 जुलाई 2024, बालाघाट: बालाघाट में बंजर भूमि पर लाख की खेती करने का जतन – बालाघाट जिले में प्रदेश का पहला लाख का क्लस्टर बनाने के लिए 10 करोड़ रुपये की लागत से वारासिवनी के एकोड़ी में औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण प्रारम्भ किया जा चुका है। जो लगभग पूर्णता की ओर है। इसके अलावा गर्रा के पास कनकी में भी औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण लगभग हो चुका है। इस क्षेत्र को राज्य शासन द्वारा 4 करोड़ रुपये की लागत से तैयार कराया है। हालांकि यहां अन्य उद्योग की दृष्टि से कार्य किये गए है। 

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में बालाघाट सुगंधित और स्वादिष्ट चावल के लिए धान का कटोरा के नाम से जाना जाता है। अब इस उद्योग के साथ-साथ यहाँ लाख की खेती के लिए भी अच्छे आसार हो सकते  हैं । लाख की खेती बंजर भूमि पर भी सफलता के साथ  की  जा सकती है। यहां की वनस्पति इस खेती के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान कर सकती है। पलाश, बैर, बबूल, पीपल, गोन्ट, जलारी और अनेक वृक्षों पर लाख की खेती के अच्छे माध्यम है। इसके लिए भारत शासन द्वारा पिछले 3 वर्ष पूर्व से प्रयास प्रारम्भ किये जा चुके  हैं

रोड़, बिजली और जल की आवश्यकता हुई पूरी-  भारत शासन द्वारा 1018.15 लाख रुपये का निवेश कर 15 एकड़ में एकाड़ी में औद्योगिक बनाया जा रहा है। जिला व्‍यापार व उद्योग विभाग की महाप्रबंधक श्रीमती मर्सकोले ने बताया कि यहां 1400 मीटर का सीसी रोड़ व 1800 मीटर का आरसीसी ड्रेन, ट्यूबवेल पूर्ण हो चुके है।जबकि सुपर स्ट्रेचर, सम्पवेल, ओवर हेड टैंक, पाइप लाइन, प्रशासनिक भवन,बैंक, पोस्ट ऑफिस, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और मटेरियल स्टोरेज शॉप के कार्य प्रगतिरत होकर पूर्णता की ओर है।इसी तरह कनकी में तैयार हो रहा औद्योगिक क्षेत्र का कार्य भी पूर्णता की ओर है। यहां बिजली के लिए उपकेंद्र और सड़कें बनकर तैयार हो चुकी है। इस औद्योगिक क्षेत्र को राज्य शासन के एमपीआईडीसी द्वारा 463 लाख रुपये का निवेश कर तैयार किया गया है।

केरिना लाका कीट लाख उत्पादन में काम आएगा-  लाख की खेती के लिए बालाघाट की वन संपदा अपनी भूमिका निभाएगी। लाख की खेती कुछ चुनिंदा वनस्पति या  पेड़ों  पर आसानी से की जा सकती है। इसमें किसी प्रकार का कोई विशेष खर्च  नहीं  होता है। केरिना लाका नामक कीट से लाख का उत्पादन होता है। जो पलाश, बैर, बबूल, कुसुम, पीपल, गोन्ट, जलारी और अरहर पर आसानी से उत्पादित हो सकता है। दरअसल केरिना कीट अपनी सुरक्षा के लिए एक राल का स्त्राव कर कवच बनाता है। केरिना का यह कवच ही लाख होता है। जिस टहनी पर कवच होता है, उस टहनी को सूखने के बाद काटकर  खुरच  कर निकाला जाता है।

बालाघाट में लाख की खेती की आवश्यकता–  लाख की खेती वास्तव में बिना खर्चे वाली खेती के नाम से जानी जाती है। जो गरीब किसानों की आजीविका के रूप में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। साथ ही पलायन करने वाले किसानों को इसमें मोड़ा जा सकता है। सबसे बड़ा फायदा यह है कि लाख की खेती बंजर जमीन पर भी की जा सकती है। साथ ही बालाघाट की वनस्पति इस खेती के लिए अत्यंत मुफीद है। लाख का उपयोग विद्युत यंत्रो के अलावा चूड़ियों, वार्निश, पॉलिश, सोने के आभुषणों को सुंदर बनाने में, विशेष प्रकार की सीमेंट और स्याही बनाने में होता है। इसका न्यूनतम बाजार मूल्य 4200 से 4350 रुपये प्रति क्विंटल से अधिकतम 4450 से अधिक होता है।

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