सरकारी योजनाएं (Government Schemes)राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश: श्रीअन्न की खेती पर मिलेगी 3900 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि

23 जनवरी 2025, भोपाल: मध्यप्रदेश: श्रीअन्न की खेती पर मिलेगी 3900 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि – मध्यप्रदेश में श्रीअन्न (मोटे अनाज) की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना के तहत, श्रीअन्न की खेती करने वाले किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अतिरिक्त 1000 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके अलावा, प्रति हेक्टेयर अधिकतम 3900 रुपये की प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है।

श्रीअन्न किसानों के लिए संगठित व्यवस्था

प्रदेश में श्रीअन्न उत्पादन करने वाले किसानों और किसान समूहों को संगठित करने के लिए श्रीअन्न प्रोत्साहन कंसोर्टियम ऑफ फार्म्स प्रोड्यूसर कंपनी का गठन किया गया है। यह पहल किसानों को नवीन तकनीकों से जोड़ने और श्रीअन्न व इसके प्रसंस्कृत उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहचान दिलाने के उद्देश्य से की गई है।

फसल बीमा योजना का लाभ

राज्य में किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक प्रदेश के 1 करोड़ 87 लाख किसानों को कुल 18,587 करोड़ रुपये की दावा राशि का भुगतान किया गया है।

मध्यप्रदेश में फसल उत्पादन की स्थिति

मध्यप्रदेश में मोटे अनाज, धान, मक्का, उड़द, चना, मसूर और सरसों जैसी फसलों का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश मक्का और तिल के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। गेहूं, मोटा अनाज, चना, उड़द, मसूर, सोयाबीन और अलसी के उत्पादन में दूसरा स्थान रखता है, जबकि मूंगफली और राई-सरसों के उत्पादन में तीसरे स्थान पर है।

पर्यावरण संतुलन बनाए रखने और फसल विविधीकरण के लिए जलवायु आधारित फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके साथ ही, बाजार और निर्यात मांग के अनुसार फसलों की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

मध्यप्रदेश में श्रीअन्न की खेती को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता और संगठित प्रयास किए जा रहे हैं। यदि किसान इन योजनाओं का लाभ उठाना चाहते हैं, तो उन्हें इन प्रक्रियाओं और प्रावधानों की जानकारी रखना जरूरी है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements