छत्तीसगढ़ पूरी दुनिया को नयी राह दिखा सकता है : श्री बघेल
मुख्यमंत्री ने कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों को संबोधित किया
15 अक्टूबर 2022, रायपुर । छत्तीसगढ़ पूरी दुनिया को नयी राह दिखा सकता है : श्री बघेल – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने दो दिनों तक कलेक्टर कॉन्फ्रेंस ली। इस दौरान पहले दिन जिला कलेक्टकों और पुलिस अधीक्षकों से चर्चा की। जहां जिला स्तर पर विभिन्न शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और लक्ष्य को पूरा करने में आ रही दिक्कतों पर चर्चा हुई। वहीं पुलिस अधीक्षकों से कानून-व्यवस्था के साथ ही अपराध नियंत्रण पर चर्चा की गई। दूसरे दिन जिला कलेक्टरों के साथ ही संभाग व राज्य स्तर के अधिकारियों से कार्ययोजना पर बातचीत करते हुए योजनाओं की समीक्षा की गई। इस दौरान श्री बघेल ने कहा कि पौने चार साल में छत्तीसगढ़ आर्थिक रूप से सशक्त हुआ है, जबकि आज दुनिया में मंदी का असर है, ऐसे समय में छत्तीसगढ़ पूरी दुनिया को नयी राह दिखा सकता है। तस्वीर बदलने में गौठान, रीपा, गोधन न्याय योजना का महत्वपूर्ण योगदान होगा। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू व श्रीमती रेणु जी. पिल्लै, पीसीसीएफ श्री संजय शुक्ला, विभागीय सचिव समेत सभी संभागायुक्त, जिला कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और नगर निगमों के आयुक्त उपस्थित रहे।
कलेक्टर कॉन्फ्रेंस श्री बघेल ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि, राज्य में बीते पौने चार साल के दौरान अनेक नवाचार हुए हैं, जिससे हर वर्ग को लाभ मिला है। राज्य की जनता के बीच शासन-प्रशासन को लेकर विश्वास बढ़ा है। कोरोना के संकट काल में जब सभी जगह काम बंद थे, लोगों के हाथों में काम नहीं था, तब भी मजदूर वर्ग के लिए आय के स्त्रोत बनाए रखने के लिए हमने मनरेगा का काम जारी रखा। आज भी पूरी दुनिया में मंदी का असर है, लेकिन छत्तीसगढ़ में इसका असर नहीं हुआ। आज छत्तीसगढ़ उस भूमिका में है कि यह पूरी दुनिया को एक नयी राह दिखा सकता है। इसमें गौठान, रूरल इंडस्ट्रियल पार्क और गोधन न्याय योजना महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
कलेक्टर कॉन्फ्रेंस के दौरान श्री बघेल ने आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को लेकर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों को निर्देशित करते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ में आगामी एक नवम्बर से समर्थन मूल्य धान खरीदी शुरू हो जाएगी। ऐसे में अन्य राज्यों से धान की आवक न हो।
मुख्यमंत्री ने गौठान के रख-रखाव पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने धान की कटाई के बाद गौठानों में पैरादान के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने इसके पीछे अनेक लक्ष्यों की प्राप्ति की बात कही। उन्होंने कहा कि, पैरादान करने से मवेशियों के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा की उपलब्धता होगी। वहीं पराली के रूप में पैरा जलाने से होने वाले प्रदूषण को भी रोका जा सकेगा। इसके अलावा रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) को लेकर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, रीपा का निर्माण गुणवत्तापूर्ण ढंग से होना चाहिए। रीपा निर्माण के लिए तय बिंदुओं का पालन हो। अधोसंचरना के साथ अन्य सुविधाओं व संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित हो।
श्री बघेल ने शासकीय कार्यालय में लंबित रहने वाले प्रकरणों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सभी तरह के शासकीय कार्यालयों में जनता के काम समय-सीमा में पूरे किए जाएं। जाति प्रमाण-पत्र समय पर बनाना सुनिश्चित करें। कर्मचारियों के समय पर ना पहुंचने की शिकायत पर संभाग आयुक्त और कलेक्टरों को इसका निरीक्षण करने और सख्ती बरतने के निर्देश दिए। सबसे ज्यादा शिकायत थाने स्तर पर, जनपद पंचायत, पटवारी और सीएसईबी में मैदानी अमले के कर्मचारियों की मिल रही हैं, इन पर नियंत्रण कर कड़ी कार्रवाई करें ताकि आम जनता के काम समय पर पूर्ण हों।
कलेक्टर कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने एक प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि नरवा योजना अपने उद्देश्य में सफल हो रहा है। इससे भू-जल स्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसे क्षेत्र जहां सूखे की समस्या थी, भौगोलिक रूप से ऐसे क्षेत्र जहां वर्षाजल नहीं रूक रहा था, वहां अब सालभर पानी की उपलब्धता हो रही है।
मुख्यमंत्री के निर्देश
- गंगरेल डेम में आइलैंड को विकसित करें
- प्रभावित किसानों को समय सीमा में आरबीसी 6(4) अंतर्गत राहत राशि दें
- राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के हितग्राहियों को राशि दिलाएं
- नामांतरण के लंबित प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण करें
- सभी कलेक्टर नियमित रूप से तहसीलों का निरीक्षण करें
- नागरिकों को राजस्व प्रकरणों में देरी से परेशानी नहीं होनी चाहिए
- ग्रामीणों की सहूलियत के लिए सप्ताह में एक दिन निर्धारित करें
- 3 साल से एक स्थान पर जमे पटवारियों का होगा तबादला
- गौठान, रीपा और गोधन न्याय योजना से बदल सकती है तस्वीर
- अन्य राज्यों से नहीं आना चाहिए धान, कड़े कदम उठाएं