राज्य कृषि समाचार (State News)

6 हजार गांवों में पेयजल की पाईप लाईन डलेगी

बजट सत्र में ”राइट टू वाटर एक्ट पेश करने की तैयारी

भोपाल। प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में हर घर पर नल से जल पंहुचाने के लिए सरकार योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। प्रदेशवासियों को पानी का कानूनी अधिकार दिलाने के लिए विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में राइट टू वाटर एक्ट का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।
विधान सभा के आगामी बजट सत्र में यह एक्ट पारित करवाकर लागू कर दिया जायेगा। इससे म.प्र. देश का पहला राज्य बन जाएगा जहां लोगों को पानी का कानूनी अधिकार मिलेगा। पानी का कानूनी अधिकार कानून लागू करने के लिए बजट में एक हजार करोड़ रूपये रखे गए हैं। यह जानकारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री        श्री सुखदेव पांसे ने गत दिनों पत्रकारों को दी।
श्री पांसे ने बताया कि ग्रामीण अंचलों में हर घर तक नल से जल पहुँचाने के लिये 68 हजार करोड़ रूपये की विस्तृत कार्य-योजना बनाई गई है। अभी तक 19 समूह जल योजनाएँ पूर्ण कर 802 गाँव की लगभग साढ़े 11 लाख से अधिक जनसंख्या को घरेलू नल कनेक्शन द्वारा जल-प्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, 6672 करोड़ रूपये लागत की 39 योजनाओं का कार्य प्रगति पर है, जो अगले दो साल में पूरा हो जाएगा। इससे 6091 गाँव की लगभग 64 लाख आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 5 करोड़ 88 लाख आबादी 1 लाख 28 हजार 231 ग्रामीण बसाहटों में निवास करती है। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में इन क्षेत्रों में मात्र 12 फीसदी आबादी को ही पेयजल प्रदाय किया जा रहा था। श्री पांसे ने जानकारी दी है कि प्रदेश में पेयजल प्रदाय योजनाओं की बेहतर प्लानिंग के लिये देश के अग्रणी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी, दिल्ली से अनुबंध किया गया है। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में पेयजल उपलब्ध कराने के लिये एक बड़ी धन राशि की आवश्यकता होगी। इसे ध्यान में रखकर न्यू डेवलपमेंट बैंक, जायका, एशियन डेवलपमेंट बैंक और नाबार्ड से वित्तीय सहायता प्राप्त करने की पहल की गई है।

Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *