स्ट्रॉबेरी की पहली फसल से हुआ 40 हज़ार का मुनाफा
23 अक्टूबर 2024, सागर: स्ट्रॉबेरी की पहली फसल से हुआ 40 हज़ार का मुनाफा – एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) बागवानी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार की एक प्रायोजित योजना है। इस योजना के तहत, फल, सब्ज़ियां, जड़-कंद वाली फ़सलें, मशरूम, मसाले, फूल, सुगंधित पौधे, नारियल, काजू, कोको, और बांस जैसी बागवानी फ़सलों को बढ़ावा दिया जाता है।
इस योजना से लाभान्वित सागर जिले के श्री धर्मेंद्र पटेल बताते है कि हमारे यहां वर्षाे से पारंपरिक तौर पर सोयाबीन और गेहूं की खेती किया करते थे। जिससे हमारी रोजी-रोटी का ही गुजर-बसर हो पाता था। न तो भविष्य के लिए कोई पैसा जमा कर पाते थे न ही परिवार को सुख सुविधा दे पाते थे। मेहनत के बराबर मुनाफा भी नहीं होता था।
श्री धर्मेंद्र ने बताया कि एक दिन उद्यानिकी विभाग के लोग सर्वे के लिए हमारे खेत पर आए और उन्होंने हमसे फसल उगाने और खेती की जानकारी मांगी। उन्होंने कहा कि आप गेहूं की खेती करते है तो कितना मुनाफा होता है। तब मैंने कहा कि करीब 15 हजार रु. की लागत लगती है और लागत सहित लगभग 25 हजार रू. की फसल निकलती है। तब उद्यानिकी विभाग के लोगों ने मुझे स्ट्रॉबेरी खेती करने की सलाह दी और एकीकृत बागवानी विकास मिशन में मिलने वाले फायदों की जानकारी दी। तब मैंने सोचा इस बार फसल को बदल के देखते है। तब मैंने मल्चिंग तथा ड्रिप सिस्टम का इस्तेमाल किया और अधिकारियों की देखरेख में खाद का इस्तेमाल किया।
स्ट्रॉबेरी की पहली फसल आते ही मुझे लागत निकाल के 40 हजार रू. का मुनाफा हुआ। श्री पटेल बताते है कि खरीदार उनके खेत से ही स्ट्रॉबेरी खरीदकर ले जाते हैं। धर्मेंद्र कहते है कि राज्य सरकार से बागवानी की खेती के लिए सब्सिडी भी मिली है और अब मेहनत के मुकाबले उन्हें खेत से मुनाफा भी अधिक होने लगा है।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: