विश्व मधुमक्खी दिवस पर वेबिनार
विश्व मधुमक्खी दिवस पर वेबिनार
किसानों की आय बढ़ाने के लिए मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दे रही सरकार- श्री तोमर
आत्मनिर्भर भारत में 500 करोड़ रू.
22 मई 2020, नई दिल्ली। विश्व मधुमक्खी दिवस पर वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुए एक आयोजन में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दे रही है। आत्मनिर्भर भारत अभियान में मधुमक्खी पालन को और बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रू.का प्रावधान किया गया है ।विश्व में शहद के 5 सबसे बड़े उत्पादकों में भारत का नाम शुमार है।किसानों की आमदनी दोगुना करने में मधुमक्खी पालन बहुत सहायक हो सकता है।
मीठी क्रांति और आत्मनिर्भर भारत विषय पर राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने यह वेबिनार नेशनल बीबोर्ड, पश्चिम बंगाल सरकार, उत्तराखंड सरकार और शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कश्मीर के साथ मिलकर किया। इसमें मंत्री श्री तोमर ने कहा कि शहद उत्पादन व निर्यात में वृद्धि इस बात को प्रदर्शित करती है कि इस काम से किसान भी लाभान्वित हो रहे हैं, उनके जीवन स्तर में बदलाव आ रहा है और उनकी आमदनी भी बढ़ रही है। मधुमक्खी पालन के प्रशिक्षण के लिए चार माड्यूल बनाए गए हैं, जिनके माध्यम से देश में 30 लाख किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है।इन्हें अन्य सहायता भी उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही हनी मिशन का गठन किया गया है ।
शहद प्रोसेसर, विपणन और ब्रांडिंग
मधुमक्खी पालकों के साथ ही शहद प्रोसेसर, विपणन और ब्रांडिंग पेशेवरों, अनुसंधान विद्वानों, शिक्षाविदों, प्रमुख शहद उत्पादक राज्यों के सहयोगियों, राज्य और केंद्र सरकारों के प्रतिनिधियों, एफएओ और एनईडीएसी, बैंकॉक जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भागीदारी इस वेबिनार में रही।
वेबिनार में उत्तराखंड के सहकारिता मंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने देवभूमि उत्तराखंड को जैविक शहद उत्पादन की मुख्यधारा में लाने के संकल्प पर प्रकाश डाला। उन्होंने हनी मिशन में संशोधन लाने की आवश्यकता का उल्लेख किया।
एनसीडीसी के एमडी श्री सुदीप कुमार नायक ने महिला समूहों को बढ़ावा देने और एपिकल्चर सहकारी समितियों के विकास में एनसीडीसी की भूमिका पर प्रकाश ने के लिए सहकारी समितियों से अपील की। शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वाइस चांसलर प्रो. नजीर अहमद ने कश्मीर में शहद की अनूठी विशेषताओं के बारे में जानकारी दी।
UNFAO के प्रतिनिधि श्री टॉमियो शिचिरी ने शहद के निर्यात में गुणवत्ता आश्वासन के महत्व के बारे में बात की। पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. एम.वी. राव ने महिला समूहों द्वारा जैविक शहद व जंगली शहद के उत्पादन, ब्रांडिंग और विपणन को बढ़ावा देने के लिए अपनी सरकार के कदमों के बारे में बताया। बागवानी आयुक्त डॉ. बी.एन.एस. मूर्ति ने नए मिशन में नवाचारों पर प्रकाश डाला।
मध्य प्रदेश, कश्मीर, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, बिहार, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश व झारखंड के सफल मधुमक्खी पालकों और उद्यमियों ने अपने अनुभवों को साझा किया और मीठी क्रांति लाने के लिए आगे के तरीके सुझाए।