ग्रामीण एवं कृषि क्षेत्र में इस्पात इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए इस्पात मंत्रालय का 20 अक्टूबर को वेबिनार
19 अक्टूबर 2020, नई दिल्ली। ग्रामीण एवं कृषि क्षेत्र में इस्पात इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए इस्पात मंत्रालय का 20 अक्टूबर को वेबिनार – इस्पात मंत्रालय भारतीय उद्योग परिसंघ के साथ मिलकर 20 अक्टूबर, 2020 को एक वेबिनार ‘आत्मनिर्भर भारत: ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि, ग्रामीण विकास, डेयरी एवं खाद्य प्रसंस्करण में इस्पात के इस्तेमाल को प्रोत्साहन’ का आयोजन करेगा। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मामलों के मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान इस वेबिनार के विशिष्ट अतिथि होंगे। ग्रामीण विकास, कृषि और किसान कल्याण मामलों, पंचायती राज और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते इस दौरान अपना विशेष संबोधन देंगे। इस वेबिनार का उद्देश्य ग्रामीण विकास क्षेत्र में इस्पात और इस्पात उत्पादों की मौजूदा एवं भविष्य की जरूरतों की पहचान करना तथा समुदाय में इस्पातोन्मुखी ढांचों/ सामान्य सुविधा क्षेत्र, जल भंडारण सुविधाओं, अन्न भण्डारण साइलो, अन्न भंडारण सुविधाओं और घरेलू जल भंडारण ड्रम इत्यादि में इस्पात उत्पादों के इस्तेमाल और फायदे से लोगों को जागरूक करना है।
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इस वेबिनार में इस्पात उत्पादों को हासिल करने में आ रही चुनौतियों, देश में मौजूदा इस्पात मांग को पूरा करने में भारतीय उद्योग की क्षमताओं, भविष्य की योजना, विनिर्माण एवं नए उत्पादों के विकास के लिए शोध एवं अनुसंधान क्षमता को बढ़ावा देने जैसे विषयों पर विचार किया जाएगा। वेबिनार में ‘पैनल एवं स्टेट्स’ में सचिव स्तर की चर्चा होगी जिसमें केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालयों के सचिवों और राज्यों के सचिवों तथा महत्वपूर्ण ग्रामीण विकास एजेसिंयों के प्रतिनिधि भी अपने विचार साझा करेंगे।
भारत में प्रति व्यक्ति इस्पात खपत कम
देश में निर्माण, आधारभूत ढांचा, विनिर्माण, रेलवे, तेल एवं गैस, रक्षा और ग्रामीण तथा कृषि क्षेत्रों में इस्पात की अहम भूमिका है और भारत के 5 ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य को हासिल करने में इस्पात एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विश्व में इस्पात का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश होने के बावजूद भारत की वार्षिक प्रति व्यक्ति इस्पात खपत 74.1 किलोग्राम है जो वैश्विक औसत 224.5 किलोग्राम का मात्र एक तिहाई है। देश के शहरी क्षेत्रों में इस्पात का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह बहुत ही कम देखा गया है। वर्ष 2019 में देश के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति इस्पात खपत 19.1 किलोग्राम थी और राष्ट्रीय औसत 74.1 किलोग्राम था। एक अनुमान के मुताबिक देश में ग्रामीण क्षेत्रों में इस्पात की खपत का 54 प्रतिशत आवास निर्माण, 10 प्रतिशत सामुदायिक निर्माण, 20 प्रतिशत पेशेवर इस्तेमाल (प्राथमिक कृषि सुविधाएं), फर्नीचर, वाहनों और घरेलू सामानों (शेष 16 प्रतिशत) होता है। अत: क्षमता विस्तार को बढ़ावा देने के अलावा इस्पात मंत्रालय ने देश में इस्पात की मांग में वृद्धि के लिए उपाय किए हैं और संबद्ध मंत्रालयों के साथ इस दिशा में लगातार काम चल रहा है।