पीएम किसान योजना से खेती में मदद मिली
एक परिवर्तनकारी डीबीटी योजना
22 नवम्बर 2022, नई दिल्ली: पीएम किसान योजना से खेती में मदद मिली – पीएम किसान योजना भूमि धारक किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार की एक मुख्य योजना है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से किसान परिवारों के बैंक खातों में प्रति वर्ष 6000 रुपये ट्रांसफर किए जाते है। हालाँकि उच्च आय की कुछ श्रेणियों को इस योजना से बाहर रखा गया है।
24 फरवरी, 2019 को शुरू की गई यह महत्वाकांक्षी योजना दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजनाओं में से एक है। यह योजना करोड़ों किसानों तक लाभ पहुंचाने में सफल रही है, और ख़ास बात यह है कि इसमें बीच का कोई बिचौलिया शामिल नहीं है। भारत सरकार लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन की प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखते हुए, इकठ्ठा राशि जारी करनेवाले कार्यक्रमों के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा एक बटन दबाने के कुछ ही मिनटों के भीतर योजना का लाभ हस्तांतरित करने में सफल रही है।
10 करोड़ किसान
पीएम किसान के तहत किसी भी किश्त अवधि के लिए लाभ जारी करने की संख्या अब 10 करोड़ किसानों को पार कर गई है। शुरुआत में यह संख्या 3.16 करोड़ थी, अर्थात 3 वर्षों में 3 गुना से अधिक की वृद्धि हो चुकी है।
2 लाख करोड़ रु. की सहायता
पीएम किसान योजना ने 3 से अधिक वर्षों के दौरान करोड़ों जरूरतमंद किसानों को सफलतापूर्वक 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक सहायता प्रदान की है। इस राशि में से 1.6 करोड़ रुपये से अधिक की राशि कोविड महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के बाद से दी जा चुकी है।
पीएम किसान एक उभरती हुई योजना है और यह योजना प्रत्येक किसान द्वारा स्व-प्रमाणन पर निर्धारित किसानों की पात्रता के साथ शुरू की गई थी। राज्यों द्वारा किसानों के पंजीकरण एवं सत्यापन के तरीके में समय के साथ सुधार किए गए हैं।
4 स्तरों पर सत्यापन
इस योजना में किसान विवरण के सत्यापन और प्रमाणीकरण जरूरी है। प्राथमिक स्तर की जांच के लिए राज्यों द्वारा पात्र किसानों के डाटा की जांच तथा सत्यापन करने के बाद, इसे पीएम किसान पोर्टल पर अपडेट किया जाता है और सत्यापन के लिए पीएफएमएस को भेजा जाता है; इसके बाद आधार के प्रमाणीकरण के लिए यूआईडीएआई सर्वर पर; आयकर दाता का स्टेटस चेक करने के लिए इनकम टैक्स सर्वर को; और एनपीसीआई को बैंक खातों की आधार सीडिंग को सत्यापित करने के लिए आगे बढ़ा दिया जाता है। इसने सरकार को मौजूदा और नए लाभार्थियों के निरंतर सत्यापन एवं प्रमाणीकरण में सक्षम बनाया है।
एग्री स्टैक के लिए एक डिजिटल इकोसिस्टम
सरकार ने पीएम किसान के कार्यान्वयन में डिजिटल तकनीकों के व्यापक उपयोग का लाभ उठाते हुए कृषि या एग्री स्टैक के लिए एक डिजिटल इकोसिस्टम के निर्माण के लिए भी कदम उठाए हैं। इसमें पीएम किसान डेटा का उपयोग राज्यों द्वारा बनाए जाने वाले सम्बद्ध किसानों के डेटाबेस के आधार के रूप में किया जाएगा।योजना में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए कृषि मंत्रालय द्वारा किसानों का ई-केवाईसी और आधार पेमेंट ब्रिज (एपीबी) का उपयोग कर भुगतान भी शुरू किया गया है। इस पहल से उन किसानों को बाहर निकालने में भी मदद मिलेगी, जिनकी बीच में ही मृत्यु हो गई हो या फिर उन्होंने अपनी जमीन बेच दी हो, और इस बीच योजना के तहत निर्धारित तरीके से बाहर जाने के मानदंड में प्रवेश कर गए हों।
योजना के अध्ययनों से पता चलता है कि पीएम किसान योजना ने किसानों को कृषि गतिविधियों में निवेश की दिशा में मदद की है, और कृषि क्षेत्र के समग्र सुधार में योगदान दिया है।आईसीएआर और अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि इस योजना ने कृषि के लिए आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए किसानों की तरलता की कमी को दूर करने में काफी मदद की है। इसके अलावा, छोटे व सीमांत किसानों के लिए इस योजना से उन्हें न केवल कृषि कार्यों के लिए धन की आवश्यकता को पूरा करने में मदद मिली है, बल्कि उनके दैनिक उपभोग, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अन्य आकस्मिक खर्चों के लिए भी सहायता मिली है।
सही मायने में, हर चार महीने में और किसानों की जरूरत के समय देश में किसानों तक सीधे पहुंचने में पीएम किसान एक परिवर्तनकारी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना साबित हुई है।
महत्वपूर्ण खबर: कपास मंडी रेट (19 नवम्बर 2022 के अनुसार)
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम )