राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

अखबार जगत को मिले प्रोत्साहन पैकेज

कोरोना के कारण इंडस्ट्री के राजस्व में आई कमी

  • 8 महीनों में इंडस्ट्री को करीब 12,500 करोड़ रू का नुकसान हो चुका है और साल के अंत तक यह नुकसान 16,000 करोड़ रू तक जा सकता है।

26 दिसम्बर 2020, नई दिल्ली। अखबार जगत को मिले प्रोत्साहन पैकेज – इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) के प्रेसिडेंट एल. आदिमूलम ने केंद्र सरकार से न्यूजपेपर इंडस्ट्री को प्रोत्साहन पैकेज दिय जाने की मांग की है। आईएनएस कई महीनों से पैकेज की उम्मीद कर रही है। आईएनएस का कहना है कि न्यूजपेपर इंडस्ट्री राजस्व में कमी के अभूतपूर्व संकट का सामना कर रही है, क्योंकि कोविड 19 की वजह से विज्ञापन और सर्कुलेशन बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इसके कारण कई पब्लिकेशन या तो बंद हो गए हैं या कुछ संस्करण अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिए हैं। अगर यही स्थिति रहती है, तो निकट भविष्य में और भी कई पब्लिकेशन बंद हो जाएंगे। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का चौथा स्तंभ ढहने से गंभीर सामाजिक राजनीतिक नतीजों की कल्पना आसानी से की जा सकती है। इससे 30 लाख कामगारों और स्टाफ पर भी असर पड़ेगा, जो प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से न्यूजपेपर इंडस्ट्री में जर्नलिस्ट, प्रिंटर, डिलीवरी वेंडर और कई अन्य रूप में काम कर रहे हैं। न्यूजपेपर इंडस्ट्री के ढहने का विनाशकारी असर लाखों भारतीयों पर पड़ेगा, जिसमें कर्मचारी और उनके परिवार तो शामिल हैं ही, इससे जुड़े उद्योग, प्रिंटिंग प्रेस सहित वितरण की सप्लाई चेन के एक वृहद ईको-सिस्टम पर भी असर पड़ेगा, जो दशकों से आजीविका के लिए इस इंडस्ट्री पर आश्रित हैं। यह इंडस्ट्री संकट से उबरने के पूरे प्रयास कर रही है और अब उसकी निगाहें सरकार पर हैं। सरकार से मांग है कि इंडस्ट्री को अत्यावश्यक प्रोत्साहन पैकेज दिया जाए, जिसमें न्यूजप्रिंट, जीएनपी एवं एलडब्लूसी पेपर पर शेष 5 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी हटाना, 2 साल का टैक्स हॉलीडे, सरकारी विज्ञापनों की दरों में 50 प्रतिशत वृद्धि, प्रिंट मीडिया पर सरकार द्वारा किए जाने वाले खर्च में 200 प्रतिशत की वृद्धि और बीओसी और राज्य सरकारों के माध्यम से जारी किए गए विज्ञापनों के लंबित बिलों का तुरंत भुगतान करवाना शामिल है, क्योंकि, यही समय की मांग है।

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