राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

किसानों का व्‍यापार एवं वाणिज्‍य अध्‍यादेश

किसानों का उत्‍पादन, व्‍यापार एवं वाणिज्‍य (संवर्धन एवं सरलीकरण)अध्‍यादेश- 2020

अध्‍यादेश के प्रमुख प्रावधानों का संक्षिप्‍त विवरण

  • कोई भी ‘व्‍यापारी’ जिनके पास आयकर अधिनियम- 1961 के तहत स्‍थायी खाता संख्‍या (पैन नंबर ) है या केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित ऐसे अन्‍य दस्‍तावेज रखने वालों को किसानों अथवा व्‍यापार क्षेत्र में अन्‍य व्‍यापारियों के साथ राज्‍य एपीएमसी अधिनियम में विनिर्दिष्‍ट किसी भी अनुसूचित किसानी उपज का व्‍यापार कर सकते हैं।
  • यह अध्यादेश किसानों के व्यापार से संबंधित है जैसे कि खाद्य पदार्थों, गेहूं, चावल या अन्य मोटे अनाज, दालें, खाद्य तिलहन, तेल, सब्जियां, फल, नट, मसाले, गन्ना और मुर्गी पालन, गोटर्री के उत्पाद सहितअनाज मछली और डेयरी अपने प्राकृतिक या प्रसंस्कृत रूप में मानवउपभोग के लिए अभिप्रेत है, मवेशियों के चारे सहित तेल केक औरअन्य संकेंद्रित, कच्चे कपास चाहे गिने या अनजाने, कपास के बीजऔर कच्चे जूट
  • किसान उत्पादक संगठन, कृषि सहकारी समिति, केंद्र व राज्यसरकारकी योजनाओं में पदोन्नत किसानों के समूह स्वचालित रूप से व्यापारक्षेत्र में व्यापार करने के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं।
  • व्‍यापार क्षेत्र में अनुसूचित किसान उपज वाले किसानों के साथ लेन-देन करने वाला प्रत्‍येक व्‍यापारी उसी दिन या अधिकतम तीन कार्य दिवसों में भुगतान करेगा यदि प्रक्रियात्‍मक रूप से आवश्‍यक भुगतान की रसीद का उल्‍लेख उस रसीद के अधीन हो तो उसी दिन किसानों को दिया जाएगा।
  • कोई भी व्‍यक्‍ति (वैयक्‍तिक के अलावा), जिनके पास आयकर अधिनियम- 1961 के तहत आवंटित स्‍थायी खाता संख्‍या (अथवा केन्‍द्र सरकार द्वारा विनिर्दिष्‍ट इस तरह के अन्‍य दस्‍तावेज) अथवा किसी एफपीओ अथवा कृषि सहकारी समिति, व्‍यापार क्षेत्र में अनुसूचित किसान उपज में अंत:राज्‍य एवं अंतरराज्‍यीय व्‍यापार के लिए इलेक्‍ट्रानिक व्‍यापार एवं लेन-देन प्‍लेटफार्म की स्‍थापना और/अथवा संचालन कर सकता है।
  • ऐसे व्‍यक्‍ति जो इलेक्‍ट्रॉनिक व्‍यापार एवं लेन-देन प्‍लेटफार्म की स्‍थापना और/अथवा संचालन करने वाला उचित व्‍यापार पद्धतियों जैसे व्‍यापार का माध्‍यम, शुल्‍क, अन्‍य प्‍लेटफार्म के साथ अंतर-संचालन सहित तकनीकी मानदंड, किसानों को समय पर भुगतान,लॉजिस्‍टिक व्‍यवस्‍थापन, गुणवत्‍ता आकलन, संचालन प्‍लेटफार्म के स्‍थान पर स्‍थानीय भाषा में सूचना का प्रसार के लिए दिशा-निर्देश तैयार कर कार्यान्‍वयन करेगा।
  • कोई भी मण्‍डी शुल्‍क अथवा उपकर या कर जो भी नाम राज्‍य एपीएमसी अधिनियम के तहत विनिर्दिष्‍ट किया जाता है, को व्‍यापार क्षेत्र में अनुसूचित किसान उपज में व्‍यापार एवं वाणिज्‍य के लिए किसी भी किसान अथवा व्‍यापारियों या इलेक्‍ट्रॉनिक व्‍यापार एवं लेन-देन प्‍लेटफार्म पर नहीं लिया जाएगा।
  • उपखंड मजिस्‍ट्रेट द्वारा गठित किए जाने वाले सुलह बोर्ड के सुलह के माध्‍यम से किसानों के विवाद का निपटान किया जाएगा, जिसके विफल होने पर पीड़ित पक्ष विवाद के निपटान के लिए एसडीएम से संपर्क कर सकता है। उपखंड मजिस्‍ट्रेट/अधिकारी विवाद की राशि,दंड की वसूली के लिए आदेश दे सकता है और व्‍यापारी के लिए अनुसूचित किसान उपज के व्‍यापार/वाणिज्‍य के लिए ऐसी अवधि के लिए व्‍यापार को प्रतिबंधित करने वाला आदेश पारित कर सकते है,जैसा उचित समझा जाए। इसके विरुद्ध अपील समाहर्ता या अपर समाहर्ता के पास होगी। उपमंडल प्राधिकारी अथवा अपील प्राधिकारी के आदेश में सिविल अदालत के निर्णय समतुल्‍य शक्‍ति होगी।
  • कृषि विपणन सलाहकार, विपणन और निरीक्षण निदेशालय (डीएमआई), भारत सरकार या राज्‍य सरकार के परामर्श के एक अधिकारी जिन्‍हें संबंधित राज्‍य सरकार के परामर्श से केन्‍द्र सरकर द्वारा ऐसी शक्‍तियां दी जाती है, को अपनी अथवा याचिका अथवा किसी सरकार से संदर्भ के आधार पर इलेक्‍ट्रॉनिक व्‍यापार एवं लेन-देन प्‍लेटफार्म के माध्‍यम से किसी भी उल्‍लंघन का संज्ञान ले सकते हैं और किसानों के देय राशि की वसूली, दंड देना और/अथवा ऐसी अवधि के प्‍लेटफार्म का संचालन करने का अधिकार को निलंबित करने का अधिकार होगा जो उचित हो।
  • केन्‍द्र सरकार के पास नियमावली बनाने की शक्‍ति होती है।
  • कोई भी मुकदमा अथवा कार्यवाही सिविल न्‍यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं होगा।
  • यह अध्यादेश राज्‍य एपीएमसी अधिनियम या लागू कोई अन्‍य विधान पर अधिभावी प्रभाव होगा।
  • केन्‍द्र सरकार मूल्‍य सूचना और मण्‍डी आसूचना प्रणाली और प्रसार फ्रेमवर्क विकसित करने के लिए केंद्रीय सरकारी संगठन को निदेश दे सकते हैं।
  • यह अध्‍यादेश स्‍टॉक एक्‍सचेंजों और क्‍लियरिंग कार्पोरेशनों पर लागू नहीं होगा जो प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम- 1956 के तहत मान्‍यता प्राप्‍त है।

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