एमएसपी पर 90 लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई, कपास गांठों की रिकॉर्ड खरीद
21 अक्टूबर 2020, नई दिल्ली। एमएसपी पर 90 लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई , कपास गांठों की रिकॉर्ड खरीद – खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2020-21 में सरकार द्वारा अपनी मौजूदा एमएसपी योजनाओं के अनुसार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीफ फसलों की खरीद जारी है । केएमएस 2020-21 के लिए धान की खरीद पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और केरल राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में सुगमतापूर्वक चल रही है। 18.10.2020 तक 7.82 लाख किसानों से 90.03 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है।
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इसके अलावा 18.10.2020 तक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 761.55 मीट्रिक टन मूंग और उड़द की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की है। इस प्रकार तमिलनाडु, महाराष्ट्र और हरियाणा के 735 किसानों को 5 करोड़ 48 लाख रुपये की आय हुई है। इसी तरह से 5089 मीट्रिक टन कोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है। इस दौरान 3961 किसानों को लाभान्वित करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 करोड़ 40 लाख रुपये की अदायगी की गई है।
राज्यों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2020 के लिए 42.46 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी दी गई। इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.23 लाख मीट्रिक टन कोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद के लिए भी स्वीकृति प्रदान की गई है। यदि अधिसूचित फ़सल अवधि के दौरान संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाजार दर एमएसपी से नीचे चली जाती है, तो राज्य की नोडल एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत दलहन, तिलहन और कोपरा फसल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर भी मंजूरी दी जाएगी, ताकि वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पंजीकृत किसानों से सीधे इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद की जा सके। न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत कपास की खरीद का कार्य उत्तरी राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में सुचारू रूप से चल रहा है। 18.10.2020 तक, 4,6697.86 लाख रुपये के मूल्य की 1,65,369 कपास गांठों की खरीद की जा चुकी है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान केवल 1245 गांठों की खरीद हुई थी।