देश के लिए गौरव की बात, कृषि क्षेत्र में 5. 4 प्रतिशत की मजबूत बढ़ोतरी
31 मई 2025, नई दिल्ली: देश के लिए गौरव की बात, कृषि क्षेत्र में 5. 4 प्रतिशत की मजबूत बढ़ोतरी – यह हमारे देश के लिए गौरव की ही बात होगी कि कृषि क्षेत्र में 5.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हालांकि यह वृद्धि वित्तीय वर्ष 2025 की है लेकिन इसके बाद यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि आगामी वर्ष 2026 में भी यह रिकॉर्ड ओर अधिक रूप से कायम होगा।
जो जानकारी प्राप्त हुई है उसके अनुसार बीते वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में कृषि क्षेत्र में 5.4 प्रतिशत की मजबूत बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं, इससे पहले के वित्त वर्ष की समान तिमाही में विकास दर का आंकड़ा 0.9 प्रतिशत था। इस मजबूत प्रदर्शन के साथ कृषि और संबद्ध गतिविधियों में पूरे साल का सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) वित्त वर्ष 24 के 2.7 प्रतिशत से बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो जाने की उम्मीद है। बता दें कि महंगाई का असर निकालकर यह बढ़ोतरी मापी गई है। प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, कृषि क्षेत्र में पूरे साल की बढ़ोतरी हाल के सालों में सर्वश्रेष्ठ में से एक है और यह बताती है कि वित्त वर्ष 2025 में वृद्धि के मामले में कृषि ने विनिर्माण को पीछे छोड़ दिया है।
बिना महंगाई का असर हटाए हुए कृषि और संबद्ध क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 8.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की, जबकि वित्त वर्ष 2024 की इसी तिमाही में यह बढ़ोतरी 7.9 प्रतिशत रही थी। पूरे वर्ष के लिए, कृषि क्षेत्र के लिए बिना महंगाई का असर हटाए जीवीए वित्त वर्ष 24 के 9.6 प्रतिशत से बढ़कर 10.4 प्रतिशत रहा। कृषि उत्पादों की मजबूत कीमतों के साथ मजबूत मानसून ने वित्त वर्ष 2025 में कृषि और संबद्ध गतिविधियों को बढ़ावा दिया है। वित्त वर्ष 2025 में कृषि क्षेत्र के प्रदर्शन को मजबूत मानसून से लाभ होने की संभावना है, जिसने खरीफ और रबी फसलों के उत्पादन का समर्थन दिया। विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले साल की कम वृद्धि के कारण भी इस साल के आंकड़े बेहतर दिख सकते हैं, जिसे बेस इफेक्ट कहा जाता है। वित्त वर्ष 2024 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि सामान्य से कम मानसून और देश के कई हिस्सों में लंबे समय तक रही गर्मी के कारण धीमी हो गई थी।
पिछले सितंबर में समाप्त हुए 2024 के मानसून सीजन में लगभग 8 प्रतिशत का बारिश अधिशेष दर्ज किया गया – जो 2020 के बाद से सबसे अच्छा है। कुल मिलाकर जून-सितंबर 2024 की अवधि के दौरान अखिल भारतीय बारिश 935 मिलीमीटर होने का अनुमान है, जो सामान्य 870 मिलीमीटर से 8 प्रतिशत अधिक है। मजबूत मानसून 2024 के कारण ताजा तीसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार, भारत का खाद्यान्न उत्पादन 2024-25 के फसल सीजन के लिए 353.95 मिलियन टन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण धान, गेहूं और मक्का की रिकॉर्ड फसल है। मॉनसून 2025 में एक बार फिर अच्छी उम्मीदों को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि कृषि क्षेत्र वित्त वर्ष 2026 में भी अपनी उच्च वृद्धि दर को बनाए रख सकता है।
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