राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कृषक जगत समाचार@ 5.00 PM: सोयाबीन खरीद I किसान मोर्चा I लाड़ली बहना योजना I युवा कृषक I महिला किसान

20 नवंबर 2024, नई दिल्ली: नमस्कार, आइए जानते हैं आज शाम 5 बजे तक कृषक जगत की 10 बड़ी खबरें…

1. केंद्र सरकार ने सोयाबीन खरीद नियमों में किया संशोधन: जानें किसानों के लिए नए नियम कैसे काम करेंगे

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सोयाबीन किसानों की समस्याओं को हल करने के उद्देश्य से, कृषि मंत्रालय ने खरीफ 2024-25 सीजन के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत सोयाबीन की खरीद के लिए नमी सामग्री के मानदंडों में एक बार छूट देने की घोषणा की है। इस निर्णय के तहत, 12% निर्धारित सीमा से बढ़ाकर 15% नमी वाले सोयाबीन की खरीद की अनुमति दी गई है, पूरी खबर पढ़े….

2. सोयाबीन किसानों को राहत: केंद्र सरकार ने नमी के मानकों में दी ढील

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सोयाबीन किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, कृषि मंत्रालय ने खरीफ 2024-25 सत्र के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत सोयाबीन खरीद के नमी मानकों में छूट की घोषणा की है। इस निर्णय के तहत, अब 12% की निर्धारित सीमा के बजाय 15% तक की नमी वाली सोयाबीन की खरीद की जाएगी, जिससे गुणवत्ता संबंधी समस्याओं के कारण किसानों को नुकसान न उठाना पड़े। पूरी खबर पढ़े….

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3. दिल्ली की ओर किसानों का मार्च: 6 दिसंबर से पंजाब बॉर्डर से शुरू होगी रैली

किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने सोमवार को घोषणा की कि अगर केंद्र सरकार उनकी मांगों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देती है, तो दोनों मंचों के किसान 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। पूरी खबर पढ़े….

4. वैश्विक मृदा कॉन्फ्रेंस 2024: विज्ञान और किसानों की दूरी कम करने पर जोर– केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली स्थित पूसा में आयोजित वैश्विक मृदा कॉन्फ्रेंस 2024 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने मिट्टी के संरक्षण और उर्वरकता बनाए रखने की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मिट्टी निर्जीव नहीं है, यह सजीव है। पूरी खबर पढ़े….

5. अब हर महीने और अधिक मिलेगी आर्थिक मदद, लाड़ली बहना योजना में बड़ा बदलाव

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मध्यप्रदेश की महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से लागू की गई “लाड़ली बहना योजना” में आर्थिक मदद बढ़ाने की घोषणा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने मिलने वाली सहायता राशि में निरंतर वृद्धि की जाएगी। फिलहाल, लाभार्थी महिलाओं को 1,250 रुपये प्रति माह मिल रहे हैं, जिसे भविष्य में और बढ़ाया जाएगा। पूरी खबर पढ़े….

6. 12 की बजाय अब 15 प्रतिशत तक की नमी वाली सोयाबीन की खरीदी होगी

सोयाबीन किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, कृषि मंत्रालय ने खरीफ 2024-25 सत्र के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत सोयाबीन खरीद के नमी मानकों में छूट की घोषणा की है। इस निर्णय के तहत, अब 12 प्रतिशत की निर्धारित सीमा के बजाय 15 प्रतिशत तक की नमी वाली सोयाबीन की खरीद की जाएगी, जिससे गुणवत्ता संबंधी समस्याओं के कारण किसानों को नुकसान न उठाना पड़े। पूरी खबर पढ़े….

7.कृषि में युवाओं के लिए सुअवसर

भारत में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है और बड़ी संख्या में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के युवा रोजगार की तलाश में हैं। एक ओर जहां बड़ी संख्या में तकनीकी महाविद्यालय, विश्वविद्यालय खुल रहे हैं वहीं दूसरी ओर बेरोजगार युवाओं की संख्या हर साल बढ़ते जा रही है। ये उच्च शिक्षण संस्थान बेरोजगारों की संख्या बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। हालांकि, कृषि और निर्माण क्षेत्र में काफी नौकरियां हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में युवाओं का रूझान कम हो रहा है। पूरी खबर पढ़े….

8. ‘कृषि क्षेत्र में महिलाओं की महती भूमिका’

प्राचीन काल से ही भारत कृषि प्रधान देश है। भारत की लगभग 60 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार है और भारतीय अर्थव्यवस्था के इस मजबूत आधार में महिलाओं की महती भूमिका है। महिलाएं राष्ट्रीय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पूरी खबर पढ़े….

9. देर से बुआई करने वालों के लिए सर्वोत्तम गेहूं की किस्में

धान की देर से कटाई और तापमान में उतार-चढ़ाव के बावजूद, इस वर्ष नवंबर के प्रथम सप्ताह तक पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 93% बुआई पूरी हो चुकी है। अब तापमान गेहूं की समय पर बुआई के लिए उपयुक्त हो गया है। देशभर में बुआई तेज़ी से हो रही है, और किसान समय, श्रम, तथा बीज बचाने के लिए मशीन से बुआई को प्राथमिकता दे रहे हैं। पूरी खबर पढ़े….

10. गेहूं की खेती में उर्वरक का सही उपयोग: जानें विशेषज्ञों की राय

धान की देर से कटाई और तापमान में उतार-चढ़ाव के बावजूद, इस वर्ष नवंबर के प्रथम सप्ताह तक पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 93% बुआई पूरी हो चुकी है। अब तापमान गेहूं की समय पर बुआई के लिए उपयुक्त हो गया है। देशभर में बुआई तेज़ी से हो रही है, और किसान समय, श्रम, तथा बीज बचाने के लिए मशीन से बुआई को प्राथमिकता दे रहे हैं। पूरी खबर पढ़े….

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