फसल की खेती (Crop Cultivation)

गेहूं की खेती में उर्वरक का सही उपयोग: जानें विशेषज्ञों की राय

आईसीएआर भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल

18 नवंबर 2024, नई दिल्ली: गेहूं की खेती में उर्वरक का सही उपयोग: जानें विशेषज्ञों की राय – धान की देर से कटाई और तापमान में उतार-चढ़ाव के बावजूद, इस वर्ष नवंबर के प्रथम सप्ताह तक पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 93% बुआई पूरी हो चुकी है। अब तापमान गेहूं की समय पर बुआई के लिए उपयुक्त हो गया है। देशभर में बुआई तेज़ी से हो रही है, और किसान समय, श्रम, तथा बीज बचाने के लिए मशीन से बुआई को प्राथमिकता दे रहे हैं। किसानों को सलाह दी जाती है कि अधिक उपज प्राप्त करने के लिए वे बुआई के समय और स्थिति के आधार पर बहुत सावधानी से किस्मों का चयन करें। बीज किसी विश्वसनीय स्रोत से खरीदना चाहिए।

बुआई का समय, बीज दर और उर्वरक प्रयोगः भारत में गेहूं की फसल विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों और उत्पादन स्थितियों में उगाई जाती है। बुआई के समय में क्षेत्र दर क्षेत्र और अलग-अलग उत्पादन परिस्थितियों में थोड़ा अंतर होता है।

गेहूं की फसल के लिए क्षेत्रवार बुआई बीज दर एवं उर्वरक की मात्रा

क्षेत्रबुआई की स्थितिबीज दरउर्वरक की खुराक और प्रयोग का समय
एनडब्ल्यूपीजेड और एनईपीजेडसिंचित, समय पर बोया गया100 किग्रा/ हेक्टर150:60:40 किया एनपीके हे (बुवाई के समय बेसल के रूप में 1/3 एन और पूर्ण पी और के और शेष एन को पहली और दूसरी सिंचाई में दो बराबर भागों में विभाजित करें)
सिचित, देर से बोया गयाकिया/हैक्टर 125120:60:40 किग्रा एनपीके है (1/3 एन और पूर्ण पी और के बुआई के समय बेसल के रूप में और शेष एन पहली और दूसरी सिंचाई में दो बराबर भागों में)
सिचित, देर से बोया गया125 किया/हैक्टर90:60:40 किया एनपीके है (1/3 एन और पूर्ण पी और के बुआई के समय बेसल के रूप में और शेष एन पहली और दूसरी सिंचाई में दो बराबर आगाँ में)


किसानों के लिए सुझाव:

  • लागत कम करने और जल बचाने के लिए समय पर सिंचाई करें।
  • अधिक उपज के लिए बुआई के समय और स्थिति के अनुसार सावधानीपूर्वक किस्मों का चयन करें।
  • विश्वसनीय स्रोतों से ही बीज खरीदें।
  • समय पर बुआई करें और देरी से बचें ताकि फसल परिपक्वता के समय गर्मी के प्रतिकूल प्रभावों से बचा जा सके।
  • अपने क्षेत्र के अनुसार सर्वोत्तम उपयुक्त किस्म का चयन करें।
  • अधिक उपज के लिए उर्वरक, सिंचाई, शाकनाशी और कवकनाशी का इष्टतम उपयोग करें।

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