सोयाबीन का एफ.आई.आर तकनीक से कैसे करें बीजोपचार
14 जून 2023, भोपाल: सोयाबीन का एफ.आई.आर तकनीक से कैसे करें बीजोपचार – सोयाबीन की खेती करने से पहले बीजोपचार करना बहुत जरूरी हैं। अधिकांश किसान सोयाबीन की खेती वर्षों से एक ही खेत में करते चले आ रहे हैं। लगातार खेती होने के कारण सोयाबीन के खेतों में कई प्रकार के रोगों के जीवाणु, फफूंद भूमि व बीज में स्थापित हो जाते हैं। बीजोपचार फसल को इन विभिन्न प्रकार के कीटों व रोगों से बचाव करता था। इसके साथ ही कई प्रकार के फफूंद से फसल बरबाद होने का खतरा भी कम हो जाता है।
सोयाबीन की फसल का बीजोपचार:
1. बीजोपचार के लिए हमें एफ.आई.आर. को अपनाना चाहिये।
2. कार्बाक्सिन 37.5 प्रतिशत, थायरम 37.5 प्रतिशत, 2 ग्राम/कि.ग्रा. बीज या थायोफिनेट मेथाइल, पाइराक्लास्ट्रोबिन (50 एफ.एस.), 1.5 मि.ली /कि.ग्रा. बीज की दर से बीजोपचार करें।
3. पेनफ्लुफेन 13.28 प्रतिशत, ट्राईफ्लाक्सीस्ट्रोबिन 13.28 प्रतिशत की 1 मि.ली.प्रति की बीज दर से बीजोपचार करें।
4. या ट्राइकोडर्मा हर्जियानम नामक जैविक फंफूदनाशक की ५ ग्राम मात्रा प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित कर सकते हैं, इससे बीज एवं मृदा जनित रोगों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
5. जहां पर तना मक्खी, सफेद मक्खी एवं पीला मोजैक की समस्या ज्यादा हो वहा थायामेथोक्जाम 70 डब्ल्यु.एस. नामक कीटनाशक दवा से 3 ग्रा./किलो बीज की दर से बीज उपचारित कर सकते हैं।
6. फंफूनाशक एवं कीटनाशक दवा के उपचार के पश्चात 5-10 ग्राम ब्रेडीराइजोबियम कल्चर एवं 5-10 ग्राम पी.एस.बी. कल्चर से प्रति किलो बीज उपचारित करके बुवाई करें।
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