दिल्ली की ओर किसानों का मार्च: 6 दिसंबर से पंजाब बॉर्डर से शुरू होगी रैली
20 नवंबर 2024, नई दिल्ली: दिल्ली की ओर किसानों का मार्च: 6 दिसंबर से पंजाब बॉर्डर से शुरू होगी रैली – किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने सोमवार को घोषणा की कि अगर केंद्र सरकार उनकी मांगों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देती है, तो दोनों मंचों के किसान 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर मार्च करेंगे।
इससे पहले, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक जगजीत सिंह डल्लेवाल ने घोषणा की थी कि वह 26 नवंबर से पंजाब-हरियाणा की सीमा पर स्थित संगरूर के खनौरी में अनशन पर बैठेंगे। डल्लेवाल, जो कैंसर रोगी हैं, ने बताया कि उनके बाद सुखजीत सिंह हरदोजहांडे इस अनशन को जारी रखेंगे।
सरकार पर उपेक्षा का आरोप
KMM के संयोजक सरवन सिंह पंधेर ने चंडीगढ़ के कृषि भवन में कहा, “किसान 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। सरकार के साथ आखिरी बैठक 18 फरवरी को हुई थी, लेकिन वह बेनतीजा रही। सरकार किसानों की परवाह करने का दिखावा कर रही है, लेकिन हकीकत में उन्हें कोई चिंता नहीं है। अब तक 30 किसान धरना स्थलों पर शहीद हो चुके हैं, और खनौरी में हरियाणा की ओर से सुरक्षाबलों की फायरिंग में शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी। डल्लेवाल जी ने अनशन की घोषणा की, लेकिन केंद्र सरकार फिर भी नहीं जागी।”
दिल्ली कूच की रणनीति
पंधेर ने आगे कहा, “हमारे वरिष्ठ नेताओं जैसे डल्लेवाल जी, सतनाम सिंह पन्नू, और सुरजीत सिंह फूल की अगुवाई में किसान दिल्ली की ओर कूच करेंगे। इस बार किसान बिना ट्रॉली के समूहों में जाएंगे और दिल्ली में प्रदर्शन के लिए जगह की मांग करेंगे।”
KMM नेता गुरमनीत सिंह मंगट ने कहा, “शंभू बॉर्डर पर बहु-स्तरीय बैरिकेडिंग के चलते किसान पैदल ही जाएंगे। हरियाणा सरकार और केंद्र ने कई बार कहा है कि हम दिल्ली पैदल जा सकते हैं।”
MSP पर कानूनी गारंटी की मांग
KMM और SKM (गैर-राजनीतिक) ने 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया था। उनकी मांग थी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी दी जाए और अन्य मांगें पूरी की जाएं। लेकिन उन्हें दिल्ली जाने नहीं दिया गया और हरियाणा पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंसू गैस के गोले दागे। इसके बाद से किसान इन्हीं सीमाओं पर डटे हुए हैं और हाईवे जाम कर रखा है।
अब किसानों ने सरकार की चुप्पी के खिलाफ दिल्ली कूच का ऐलान किया है। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
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