राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कृषक जगत समाचार@ 5.00 PM: ई- कृषि यंत्र I कपास खरीदी I गेहूं की बुवाई I फसल बीमा I बलराम तालाब I नई किस्म पूसा

30 नवंबर 2024, नई दिल्ली: नमस्कार, आइए जानते हैं आज शाम 5 बजे तक कृषक जगत की 10 बड़ी खबरें…

1. धानुका माईकोर सुपर खाद जमीन की गुणवत्ता में सुधार करता है

मैं राधेश्याम सिर्वी ग्राम भुवानीखेड़ा, तहसील बदनावर, जिला धार का निवासी हूँ। मेरा मुख्य कार्य खेती है मेरे पास 25 एकड़ सिंचित जमीन है जिस पर मैं प्याज व लहसुन की खेती करता हूँ। मैंने इस वर्ष के सितंबर माह में लहसुन की फसल में धानुका कंपनी का माईकोर सुपर खाद का उपयोग 4 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से किया। इससे मुझे फसल में बहुत सारे फायदे हुए जैसे- जड़ों का अच्छा विकास, मजबूत तना, हरी-भरी फसल और मिट्टी में भुरभुरापन, जिससे फसल बहुत अच्छी हुई। पूरी खबर पढ़े….

2. मध्यप्रदेश में किसानों के लिए ई- कृषि यंत्र अनुदान योजना

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए यहां की सरकार द्वारा ई कृषि यंत्र अनुदान योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना का लाभ किसानों द्वारा उठाया जा सकता है क्योंकि योजना के तहत सरकार कृषि यंत्रों की खरीदी पर अनुदान दे रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश सरकार की ओर से चलाई का रही ई कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत प्रदेश में हैप्पी/सुपर सीडर पर अनुदान के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए है। पूरी खबर पढ़े….

3. बड़नगर की मंडी में बिका सबसे अधिक भाव पर सोयाबीन

उज्जैन जिले की बड़नगर मंडी में बीते दिन सोयाबीन के सबसे उॅंचे भाव रहे है। बताया गया है कि मंडी में सोयाबीन के सबसे अधिक भाव 6490 रुपए प्रति क्विंटल रहा जबकि प्रदेश की अन्य पांच मंडियों में सोयाबीन के यही भाव पांच हजार तक प्रति क्विंटल तक रहा है। मध्य प्रदेश की कुल 5 मंडियों में  सोयाबीन का मंडी भाव 5000 रूपये क्विंटल से अधिक रहा। एमपी की बड़नगर मंडी में सोयाबीन का सबसे अधिकतम रेट 6490 रूपये क्विंटल तक रहा। दूसरी ओर बदनावर मंडी में भी सोयाबीन का भाव 5800 रूपये क्विंटल तक रहा। पूरी खबर पढ़े….

4. राजस्थान में उर्वरक की ऐसी होगी नई व्यवस्था, ताकि किसानों को न हो परेशानी

 राजस्थान के कृषि विभाग ने यूरिया और डीएपी उर्वरक के वितरण के लिए नई व्यवस्था की है ताकि राज्य के किसानों को खाद के लिए परेशान न होना पड़े। बता दें कि रबी सीजन में खाद की मांग ज्यादा है लेकिन सरकारी स्तर पर खाद की उपलब्धता कभी होती है तो कभी नहीं होती है इसलिए वहां के किसानों को परेशान होना पड़ता है लेकिन अब कृषि विभाग ने वितरण व्यवस्था परमिट सिस्टम से करने का फैसला लिया है। पूरी खबर पढ़े….

5. पांढुर्ना में सीसीआई ने किया कपास खरीदी का शुभारम्भ

पांढुर्ना कृषि उपज मंडी में गुरूवार को भारतीय कपास निगम ( सीसीआई ) द्वारा  कपास खरीदी का शुभारम्भ किया गया। मंडी प्रांगण में आए पहले किसान श्री गोपाल घोड़े, पांढुर्ना का 20 क्विंटल कपास 7421 रु / क्विंटल की दर से खरीदा गया। इस अवसर पर प्रभारी मंडी सचिव श्री राजाराम उइके, सीसीआई केंद्र प्रभारी श्री प्रितेश सुरंजे, मंडी कर्मचारी, व्यापारी एवं किसान उपस्थित थे। पूरी खबर पढ़े….

6. ICAR: क्या आप सही तरीके से कर रहे हैं गेहूं की बुवाई? पढ़ें विशेषज्ञों की राय

खेती, जो न केवल हमारा भोजन प्रदान करती है बल्कि हमारे देश की समृद्धि का भी आधार है, उसमें गेहूं की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। बदलते मौसम, उन्नत तकनीकों और जागरूकता के साथ, अब हर किसान अपनी फसल को बेहतर बना सकता है। यह सलाह आपको न केवल गेहूं की खेती में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगी, बल्कि उपज में अभूतपूर्व वृद्धि करने का मार्ग भी दिखाएगी। पूरी खबर पढ़े….

7. गेहूं की नई किस्म पूसा अहिल्या (एच.आई.1634 ) एक हेक्टेयर में 70 क्विंटल उत्पादन देती है

भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान,क्षेत्रीय केंद्र इंदौर द्वारा गेहूं की दो नई किस्में पूसा वानी (एच.आई .1633 ) और पूसा अहिल्या (एच.आई.1634 ) विकसित की गई है .जो चपाती के लिए उपयुक्त है.इन किस्मों के विकास में डॉ. एस.वी. साई प्रसाद और वैज्ञानिक श्री जंगबहादुर सिंह का योगदान रहा है. पूरी खबर पढ़े….

8. 2017 से फसल बीमा का लाभ पाने भटक रहे  628 किसान

आईपीसी बैंक के अधिकारियों की लापरवाही के चलते 2017 से 628 किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा का क्लेम प्राप्त करने के लिए भटकने को मजबूर हैं। बैंक की गलती के कारण भुगतान नहीं होने पर इंदौर के तत्कालीन कलेक्टर से शिकायत करने पर उन्होंने  आईपीसी बैंक, कृषि विभाग मप्र और सीईओ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना , भारत सरकार को पत्र लिखकर बीमा दावे का तत्काल भुगतान करने को कहा गया था , इसके बावजूद किसान पिछले 7 साल से  अपनी  बीमा क्लेम की राशि प्राप्त करने के लिए भटक रहे हैं । पूरी खबर पढ़े….

9. खेत में तालाब बनाने के लिए किसानों को दिया जा रहा है अनुदान

मध्य प्रदेश के उन किसानों को सरकार अनुदान दे रही है जो अपने खेत में सिंचाई के लिए तालाब का निर्माण करना चाहते है। सरकार बलराम तालाब योजना चला रही है और इसके तहत ही अनुदान दिया जा रहा है। किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य स्तर पर सिंचाई योजनाएं चल रही है। उनका उद्देश्य  जल संरक्षण के साथ ही खेती में सिंचाई का रकबा बढ़ाना है। पूरी खबर पढ़े….

10. डीएपी की कमी की वर्तमान चुनौती का समाधान कैसे करें?

भारत के किसान इन दिनों डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की गंभीर कमी का सामना कर रहे हैं। डीएपी फसलों के लिए एक महत्वपूर्ण उर्वरक है, जो नाइट्रोजन (18%) और फॉस्फोरस (46%) प्रदान करता है, ये दोनों पौधों की वृद्धि और उत्पादन के लिए आवश्यक पोषक तत्व हैं। किसान बेहतर उत्पादन और फसलों के विकास के लिए डीएपी पर निर्भर रहते हैं। लेकिन वर्तमान में डीएपी की कमी के कारण कृषि समुदाय में चिंता बढ़ गई है। पूरी खबर पढ़े….

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