ग्रामीण विकास में सहकारी क्षेत्र की भूमिका: केंद्रीय योजनाओं का लेखा-जोखा
28 नवंबर 2024, नई दिल्ली: ग्रामीण विकास में सहकारी क्षेत्र की भूमिका: केंद्रीय योजनाओं का लेखा-जोखा – केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से सहकारी समितियों के तहत विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन और प्रबंधन की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि सहकारी क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी और प्रशासनिक उपाय अपनाए गए हैं।
वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता के लिए पीएफएमएस का उपयोग
योजनाओं के लिए जारी निधियों और उनके उपयोग की निगरानी सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्यम से की जाती है। इस प्रणाली का उद्देश्य धन का पारदर्शी प्रवाह और वास्तविक समय में व्यय पर नजर रखना है। सभी कार्यान्वयन एजेंसियों के लिए इस प्रणाली पर पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।
मंत्रालय राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के साथ मासिक और आवश्यकता-आधारित समीक्षा बैठकें आयोजित करता है। इसके अलावा, तिमाही भौतिक समीक्षा बैठकें भी की जाती हैं, जिनमें सचिव और संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी शामिल होते हैं। यह प्रक्रिया योजनाओं के कार्यान्वयन में सुधार के लिए अपनाई गई है।
सहकारी क्षेत्र का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान
सहकारी समितियों के योगदान को बेहतर तरीके से समझने के लिए भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (NCUI) द्वारा प्रकाशित “सांख्यिकीय प्रोफ़ाइल-2018″ का उल्लेख किया गया। इसमें सहकारी क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में हिस्सेदारी को निम्नानुसार बताया गया:
सहकारी क्षेत्र | प्रतिशत (%) |
सहकारी समितियों द्वारा वितरित कुल कृषि ऋण (2016-2017) | 13.4 |
सहकारी समितियों द्वारा लघु एवं सीमांत किसानों को वितरित किया जाने वाला अल्पावधि कृषि ऋण | 19.13 |
उर्वरक वितरित (2016-2017) अनुमानित | 35 |
उर्वरक उत्पादन क्षमता (वर्ष 2016-2017 के लिए 5.35 मिलियन टन) | 24.92 |
उर्वरक उत्पादन (वर्ष 2016-17 के लिए 51.62 मिलियन टन) | 28.8 |
स्थापित चीनी मिलों की संख्या (31.3.2017 तक 284) | 38.63 |
उत्पादित चीनी (31.3.2017 तक 5.654 मिलियन टन) | 30.6 |
सहकारी समितियों द्वारा खरीदे गए कुल दूध में से विपणन किया गया तरल दूध | 84.17 |
भंडारण सुविधा वाली पैक्स (ग्राम स्तर पर) (2016-17) | 55.5 |
सहकारी क्षेत्र की कुल भंडारण क्षमता (2016-17) 22.77 मिलियन मीट्रिक टन | 14.79 |
गेहूँ की खरीद (2017-18 के दौरान 4.4 मिलियन टन) | 13.3 |
धान की खरीद (2016-17 के दौरान 7.5 मिलियन टन) | 20.4 |
सहकारी क्षेत्र ग्रामीण विकास और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हालांकि, मंत्री ने स्पष्ट किया कि रोजगार सृजन के लिए सहकारी समितियों के माध्यम से उपलब्ध आंकड़े फिलहाल मंत्रालय के पास उपलब्ध नहीं हैं।
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