प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना: गुजरात में मछुआरों और मत्स्य किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ
29 नवंबर 2024, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना: गुजरात में मछुआरों और मत्स्य किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ – केंद्र सरकार द्वारा मछुआरों और मत्स्य किसानों के विकास के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत गुजरात राज्य में व्यापक परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक लागू इस योजना का कुल बजट 20,050 करोड़ रुपये है। योजना का उद्देश्य मत्स्य उत्पादन, जल कृषि उत्पादकता, निर्यात और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है।
गुजरात को 960.68 करोड़ की परियोजनाओं की मंजूरी
पिछले चार वर्षों और वर्तमान वित्तीय वर्ष (2024-25) के दौरान, केंद्र सरकार ने गुजरात में जलकृषि और मछुआरों के विकास के लिए 960.68 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें केंद्र सरकार का अंश 329.07 करोड़ रुपये है।
प्रमुख परियोजनाएं और लाभ
गुजरात के लिए मंजूर की गई परियोजनाओं में प्रमुख गतिविधियां शामिल हैं:
- नए तालाबों और हैचरियों का निर्माण: खारे पानी की जलकृषि के लिए नए तालाब और हैचरियां स्थापित की जा रही हैं।
- सी-केज और बायोफ्लोक तकनीक का उपयोग: आधुनिक मत्स्यन के लिए सी-केज और बायोफ्लोक कल्चर सिस्टम लगाए जा रहे हैं।
- स्मार्ट फिशिंग हार्बर: कच्छ जिले के जखाऊ में एक स्मार्ट और एकीकृत फिशिंग हार्बर का निर्माण हो रहा है।
- कोल्ड स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन सुविधाएं: मछलियों की ताजगी बनाए रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज, आइस प्लांट्स और रेफ्रिजरेटेड वाहनों का प्रावधान किया गया है।
- डीप सी फिशिंग वेसल्स का वितरण: पारंपरिक मछुआरों को डीप सी फिशिंग वेसल्स और सुरक्षा किट प्रदान किए जा रहे हैं।
योजना के तहत बीते वर्षों में गुजरात में मत्स्यन गतिविधियों के कारण रोजगार के लाखों अवसर सृजित हुए हैं। गुजरात सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, नई परियोजनाओं के माध्यम से मछुआरों और मत्स्य किसानों को आधुनिक तकनीक और संसाधनों का लाभ मिलेगा।
राष्ट्रीय उपलब्धियां
पीएमएमएसवाई के माध्यम से देश में पिछले पांच वर्षों में वार्षिक मत्स्य उत्पादन 141.64 लाख टन (2019-20) से बढ़कर 175.45 लाख टन (2022-23) तक पहुंच गया है। इसी अवधि में मत्स्य निर्यात 46,662 करोड़ रुपये से बढ़कर 60,524.89 करोड़ रुपये हो गया है।
यह जानकारी राज्यसभा में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने एक लिखित उत्तर में दी।
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