राजस्थान में उर्वरक की ऐसी होगी नई व्यवस्था, ताकि किसानों को न हो परेशानी
30 नवंबर 2024, भोपाल: राजस्थान में उर्वरक की ऐसी होगी नई व्यवस्था, ताकि किसानों को न हो परेशानी – राजस्थान के कृषि विभाग ने यूरिया और डीएपी उर्वरक के वितरण के लिए नई व्यवस्था की है ताकि राज्य के किसानों को खाद के लिए परेशान न होना पड़े। बता दें कि रबी सीजन में खाद की मांग ज्यादा है लेकिन सरकारी स्तर पर खाद की उपलब्धता कभी होती है तो कभी नहीं होती है इसलिए वहां के किसानों को परेशान होना पड़ता है लेकिन अब कृषि विभाग ने वितरण व्यवस्था परमिट सिस्टम से करने का फैसला लिया है।
रबी सीजन में डीएपी और यूरिया उर्वरक की मांग एवं आपूर्ति के गणित को देखते हुए कृषि विभाग ने यूरिया व डीएपी उर्वरक का वितरण व्यवस्था परमिट सिस्टम से करने का निर्णय किया है। कृषि विभाग ने इसके लिए समस्त थोक व खुदरा उर्वरक विक्रेताओं को पाबंद किया है कि डीएपी व यूरिया उर्वरक का विलय जिले एवं कार्यक्षेत्र से बाहर वितरण किसी भी हालत में नहीं किया जाए। जिले में रबी में सरसों, चना, धनिया, मसूर व गेंहू की रिकॉर्ड बुवाई होती है तथा डीएपी और यूरिया की आपूर्ति मांग की तुलना में कम हो रही है। इस कारण विभाग समय से पहले ही सतर्क हो चुका है। इसके लिए प्रत्येक किसान को अधिकतम 10 बैग या इससे कम अथवा उपलब्धता के अनुरूप डीएपी व यूरिया उर्वरक का विक्रय किया जाए। उर्वरक विक्रेताओं की ओर से जिन किसानों को डीएपी या यूरिया की उर्वरक विक्रय किया जा रहा है। उनके आधार कार्ड की छाया प्रति एवं किसान होने संबंधी दस्तावेज (जमाबंदी, पासबुक) आदि हस्ताक्षरित छायाप्रति प्राप्त कर रिकॉर्ड संधारित किया जाए। डीएपी व यूरिया उर्वरक विक्रय किए जाने के उपरांत उसी समय संबंधित किसान को पता बिल उपलब्ध करवाते हुए बिल पर किसान का नाम,पूर्ण पता मय मोबाइल नंबर के साथ-साथ उर्वरक का नाम एवं बैच नंबर का अंकन करना सुनिश्चित किया जाए ताकि वितरण का भौतिक सत्यापन करवाया जा सकें। सहायक निदेशक राजेश विजय ने बताया कि इस बार विभाग के द्वारा डीएपी, यूरिया की कालाबाजारी रोकने को लेकर चेक पोस्ट बनाई जाएगी। इन चेक पोस्ट का उद्देश्य है कि बॉर्डर एरिया से डीएपी, यूरिया का विक्रय जिले व राज्य से बाहर होने से रोकने के लिए किया जाएगा।
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