राज्य कृषि समाचार (State News)

2017 से फसल बीमा का लाभ पाने भटक रहे  628 किसान

25 नवंबर 2024, इंदौर: 2017 से फसल बीमा का लाभ पाने भटक रहे  628 किसान –  आईपीसी बैंक के अधिकारियों की लापरवाही के चलते 2017 से 628 किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा का क्लेम प्राप्त करने के लिए भटकने को मजबूर हैं। बैंक की गलती के कारण भुगतान नहीं होने पर इंदौर के तत्कालीन कलेक्टर से शिकायत करने पर उन्होंने  आईपीसी बैंक, कृषि विभाग मप्र और सीईओ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना , भारत सरकार को पत्र लिखकर बीमा दावे का तत्काल भुगतान करने को कहा गया था , इसके बावजूद किसान पिछले 7 साल से  अपनी  बीमा क्लेम की राशि प्राप्त करने के लिए भटक रहे हैं ।

उल्लेखनीय है कि इन 628 किसानों में से 407 किसान सदस्यों के बीमा कंपनी के पोर्टल पर बैंक की गलती के कारण एंट्री नहीं हो पाई ,जबकि 221 किसानों की पोर्टल पर एंट्री तो हुई लेकिन त्रुटिवश उनका पटवारी हल्का नंबर गलत डाल दिया गया । जिसके कारण उन्हें क्लेम का भुगतान नहीं हुआ, तो  परेशान किसानों ने तत्कालीन इंदौर  कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जाटव से शिकायत की तो कलेक्टर ने  आईपीसी बैंक के अधिकारियों ,बल्कि  कृषि विभाग मप्र और  मुख्य कार्यपालन अधिकारी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, भारत सरकार  को  पत्र लिखकर स्पष्ट रूप से आदेशित किया  कि किसानों  के असंतोष को दूर करने के लिए उनके बीमा दावे का तत्काल भुगतान कराया जाए।  यदि किसानों के बीमा भुगतान के लिए वित्तीय संस्था या बैंक द्वारा गलती की गई है तो उसके लिए वह वित्तीय संस्था ही जिम्मेदार होगी और किसानों के नुकसानों की भरपाई बैंक को करना होगी । इस स्पष्ट आदेश के बावजूद किसान पिछले 7 साल से अपने बीमा क्लेम की राशि प्राप्त करने के लिए भटक रहे हैं ।

इस संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा के सर्व श्री रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव ,शैलेंद्र पटेल ,चंदन सिंह बड़वाया आदि ने किसानों के साथ  बैंक द्वारा की गई इस लापरवाही रोष जाहिर करते हुए कहा है कि किसानों  की बीमा क्लेम का तत्काल भुगतान किया  जाए और जो भी बैंक अधिकारी,बीमा कंपनी के पोर्टल पर किसानों के नाम  दर्ज़ करने में दोषी है तथा खसरा नंबर गलत डालने का दोषी हैं  उससे वसूली कर किसानों की राशि का भुगतान किया जाए । यदि आईपीसी बैंक के दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों को दंडित नहीं किया गया तथा किसानों को उनका बीमा क्लेम नहीं दिलवाया गया तो संयुक्त किसान मोर्चा इन पीड़ित किसानों को साथ में लेकर जिले में बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होगा ।

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