भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता: अमेरिका से सस्ते सोयाबीन आयात पर SOPA ने उठाई आवाज
11 मार्च 2025, इंदौर: भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता: अमेरिका से सस्ते सोयाबीन आयात पर SOPA ने उठाई आवाज – सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) ने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के दौरान भारतीय सोयाबीन और खाद्य तेल उद्योग के हितों की रक्षा करने की अपील की है।
SOPA ने चेतावनी दी कि अगर सरकार आयात शुल्क में कटौती करती है या अमेरिका से सस्ते दरों पर आयात की अनुमति देती है, तो इसका सीधा असर 1 करोड़ भारतीय सोयाबीन किसानों की आजीविका पर पड़ेगा। इससे खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनने की भारत की कोशिशें भी कमजोर हो सकती हैं। 10 मार्च 2025 को लिखे गए पत्र में SOPA ने साफ तौर पर कहा कि सोयाबीन, सोयाबीन तेल और सोयाबीन खली पर मौजूदा आयात शुल्क को बनाए रखा जाए। संगठन का कहना है कि अगर शुल्क में कटौती हुई तो सस्ते आयात से घरेलू उत्पादन पर गहरा असर पड़ेगा। भारत पहले से ही 60% से ज्यादा खाद्य तेलों के लिए आयात पर निर्भर है, ऐसे में सस्ता आयात ‘राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन (तिलहन)’ के लक्ष्यों को कमजोर कर सकता है।
SOPA ने यह भी सुझाव दिया कि भारत के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को मजबूती देने और देश में प्रोटीन की कमी को दूर करने के लिए मूल्यवर्धित सोया उत्पादों जैसे सोया प्रोटीन आइसोलेट और कंसंट्रेट पर रियायती आयात शुल्क की संभावनाएं तलाशी जाएं। इसके अलावा, संगठन ने अमेरिका द्वारा भारतीय ऑर्गेनिक सोयाबीन खली पर लगाए गए भारी-भरकम 283.91% प्रतिकारी शुल्क का मुद्दा भी उठाने की मांग की, जिससे भारतीय निर्यातकों को बड़ा नुकसान हो रहा है।
SOPA ने जोर देकर कहा कि कृषि क्षेत्र देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिरता की रीढ़ है, और किसानों को सस्ते आयात से बचाना खाद्य सुरक्षा, आर्थिक मजबूती और सतत विकास के लिए बेहद जरूरी है। SOPA के अध्यक्ष डॉ. दवेश जैन ने भरोसा जताया कि सरकार भारतीय किसानों के हितों को प्राथमिकता देगी और सोयाबीन व खाद्य तेल उद्योग को बचाने के लिए संतुलित व्यापार नीति अपनाएगी।
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