राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

पीकेवीवाई, बीपीकेपी योजनाओं से सरकार प्राकृतिक खेती को दे रही बढ़ावाः श्री तोमर

24 मार्च 2023, नई दिल्ली: पीकेवीवाई, बीपीकेपी योजनाओं से सरकार प्राकृतिक खेती को दे रही बढ़ावाः श्री तोमर – केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 21 मार्च 2023 को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, “परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (बीपीकेपी) नामक एक उप-योजना के माध्यम से सरकार 2019-2020 से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है। यह योजना मुख्य रूप से सभी सिंथेटिक रासायनिक आदानों के बहिष्करण पर जोर देती है और बायोमास मल्चिंग, गाय के गोबर-मूत्र योगों के उपयोग और अन्य पौधों पर आधारित तैयारियों पर जोर देने के साथ-साथ खेत में बायोमास रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देती है। बीपीकेपी के तहत 500 हेक्टेयर के क्लस्टर में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है और तीन साल के लिए 12200 रुपये प्रति हेक्टेयर प्रदान किया जाता है जिसमें 2000 रुपये डीबीटी के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहन के रूप में प्रदान किया जाता है। अब तक 4.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को बीपीकेपी के तहत लाया गया है।“

प्राकृतिक खेती में लगे अधिक किसानों को प्रोत्साहित करने और बड़े पैमाने पर प्राकृतिक खेती की पहुंच बढ़ाने के लिए, सरकार ने देश भर में भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (BPKP) को बढ़ाकर प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन (NMNF) तैयार किया है। NMNF अगले 4 वर्षों में 1584 करोड़ रुपये (भारत सरकार का हिस्सा) के कुल बजट के साथ 15 हजार क्लस्टर विकसित करके 7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करेगा।

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बीपीकेपी के तहत जारी राशि का राज्यवार विवरण

क्र.संराज्यक्षेत्रफल हेक्ट. मेंजारी की गई राशि (लाख रुपये में)
1आंध्र प्रदेश100000750
2छत्तीसगढ850001352.52
3केरल840001954.93
4हिमाचल प्रदेश12000286.42
5झारखंड340054.1
6ओडिशा24000381.89
7मध्य प्रदेश99000787.64
8तमिलनाडु200031.82
कुल4094005599.32
पीकेवीवाई, बीपीकेपी योजनाओं से सरकार प्राकृतिक खेती को दे रही बढ़ावाः श्री तोमर

सरकार राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज) और राष्ट्रीय जैविक और प्राकृतिक खेती केंद्र (एनसीओएनएफ) के माध्यम से मास्टर ट्रेनरों, चैंपियन किसानों और प्राकृतिक खेती की तकनीकों पर अभ्यास करने वाले किसानों को बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण दे रही है। मैनेज ने ग्राम-प्रधान जैसे जनप्रतिनिधियों को भी प्राकृतिक खेती की तकनीक और लाभों के बारे में जानकारी दी । 22 क्षेत्रीय भाषाओं पर अध्ययन सामग्री तैयार की गई प्राकृतिक खेती पर 697 मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए और मैनेज के माध्यम से 56 हजार 952 ग्राम प्रधानों के लिए प्राकृतिक खेती पर 997 प्रशिक्षण आयोजित किए गए।

किसान पंजीकरण, ब्लॉग आदि के बारे में जानकारी के लिए एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक डिजिटल वेब पोर्टल (naturalfarming.dac.gov.in) लॉन्च किया गया है।

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