National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

कृषि शिक्षा पर डिजिटल लर्निंग कंटेंट को मजबूत किया जाएगा

Share

आईसीएआर – विश्व बैंक ने कृषि शिक्षा पर दिल्ली घोषणा पत्र जारी किया

1 अप्रैल 2023, नई दिल्ली । कृषि शिक्षा पर डिजिटल लर्निंग कंटेंट को मजबूत किया जाएगा – भारत में सभी कृषि उच्च शिक्षा संस्थानों में डिजिटल ई लर्निंग कंटेंट को मजबूत करने की जरूरत है। व्यवस्थागत डिजिटल क्षमता, ज्ञान और कौशल में सुधार के लिए सभी भागीदारों में डिजिटल क्षमता निर्माण को संस्थागत रूप प्रदान करने की भी आवश्यकता है।

इन्ही उद्देश्यों पर केन्द्रित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और विश्व बैंक की मेजबानी में कृषि उच्च शिक्षा के लिए ब्लेंडेड लर्निंग ईकोसिस्टम पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन दिवस पर दिल्ली घोषणा पत्र जारी किया गया। यह सम्मेलन राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना (एनएएचईपी) की रेसिलिएंट एग्रीकल्चर एजुकेशन सिस्टम (आरएईएस) विकास पहल के तहत आयोजित किया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप कृषि शिक्षा प्रणाली के आधुनिकीकरण पर आईसीएआर और विश्व बैंक द्वारा जारी दिल्ली घोषणा पत्र में कृषि में प्रभावी अध्यापन और सीखने के लिए डिजिटल संसाधनों और टूल्स को समाहित करने की जरूरत बताई।

इस देश में राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए वर्ष 2018 में एक पंचवर्षीय परियोजना एनएएचईपी शुरू की गई जिसमें विश्व बैंक और केंद्र सरकार प्रत्येक की ओर से 8.25 करोड़ डालर (करीब 600 करोड़ रुपये) का समान योगदान किया गया। विश्व बैंक के ऋण की अदायगी पांच साल की छूट की अवधि के बाद अगले 19 वर्षों में की जानी है।

समापन समारोह में  नास  के पूर्व अध्यक्ष और एएसआरबी के चेयरमैन डॉ. आरबी सिंह ने कहा, ज्ञान और कौशल के प्रसार के जरिए टिकाऊ विकास लक्ष्यों को प्रोत्साहित कर हम कल की चुनौतियों से निपटने के लिए कृषि नेतृत्वकर्ताओं की अगली पीढ़ी को सशक्त करते हैं।

आईसीएआर के पूर्व महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा के मुताबिक, शिक्षा एक संपन्न कृषि क्षेत्र की रीढ़ है। ब्लेंडेड लर्निंग पारंपरिक कक्षा में अध्यापन और तेजी से बदलती दुनिया की मांगों के बीच अंतर को पाटने का एक ताकतवर टूल की पेशकश करता है।

उप महानिदेशक (कृषि शिक्षा) और एनएएचईपी के राष्ट्रीय निदेशक, आईसीएआर डॉ. आरसी अग्रवाल ने सम्मेलन में कृषि पर ब्लेंडेड लर्निंग पर हुई चर्चाओं  का विवरण दिया।

विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर श्री अगस्ते तानो कोउआमे ने कहा, भारत का कृषि क्षेत्र इस देश की अर्थव्यवस्था में एक अहम भूमिका निभाता है। हर वर्ष 5 हजार  से अधिक भारतीय विद्यार्थी पीएचडी प्राप्त करते हैं जोकि शेष विश्व से अधिक है।

कृषि मंत्रालय के निदेशक (विस्तार) डॉ. शैलेश कुमार मिश्रा और एनएएचईपी  आईसीएआर की राष्ट्रीय संयोजक डॉ. अनुराधा अग्रवाल भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

महत्वपूर्ण खबर: जीआई टैग मिलने से चिन्नौर धान किसानों को मिल रहा है अधिक दाम

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *