कृषि विज्ञान फाउंडेशन राष्ट्रीय स्तर पर किसानों के हितों की रक्षा करेगा
21 मार्च 2023, नई दिल्ली: कृषि विज्ञान फाउंडेशन राष्ट्रीय स्तर पर किसानों के हितों की रक्षा करेगा – तेजी से बदलती वैश्वीकृत अर्थव्यवस्था में, टिकाऊ और किफायती खाद्य सुरक्षा सभी के लिए आवश्यक है। दुनिया भर की सरकारें किसानों के आर्थिक कल्याण के लिए चिंतित हैं। भारत में यह और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि बहुसंख्य आबादी कृषि और संबद्ध क्षेत्र में काम कर रही है।
इसी दिशा में नई दिल्ली का कृषि अनुसंधान और कृषि विकास फाउंडेशन (केएकेवी/कृषि विज्ञान फाउंडेशन) एक थिंक-टैंक है जिसे किसानों के आर्थिक कल्याण के लिए बनाया गया है। कृषि से जुड़े क्षेत्रों से उद्योग के प्रतिनिधि नेताओं के एक अद्वितीय कार्य समूह के साथ राष्ट्रीय स्तर पर किसानों के हितों के सरंक्षण के लिए फाउंडेशन आगे आया है।
फाउंडेशन द्वारा कार्यान्वयन के लिए नीति निर्माताओं, निवेशकों और कृषि से जुड़े विभागों को नियमित रूप से उपयोगी विचार और व्यवहारिक सुझाव दिए जाते हैं। भारत में विविध कृषि-जलवायु परिस्थितियों, व्यवहार्यता अध्ययन और प्रस्तावित विचारों के उचित मूल्यांकन के अभाव के कारण किसी विचार को चुनना और उसे अमल में लाना असंभव कार्य हो जाता है।
फाउंडेशन किसानों की आय और भारतीय कृषि की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रभावित करने वाले मुद्दों की पहचान करने के लिए अध्ययन करेगा। कृषि विज्ञान फाउंडेशन की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष श्री विजय सरदाना ने कहा, “हम वैकल्पिक कामकाजी मॉडल स्थापित करने के लिए दुनिया भर से प्रौद्योगिकी प्रदर्शनों और सफलता की कहानियों को भी बढ़ावा देंगे।”
फाउंडेशन की गवर्निंग काउंसिल में कृषि क्षेत्र के दिग्गज श्री एन. के. अरोड़ा, विशेषज्ञ – एग्रोकेमिकल और सचिव – गवर्निंग काउंसिल, श्री अशोक दलवई (IAS), सीईओ – नेशनल रेनफेड एरिया अथॉरिटी (NRAA) भारत सरकार, , डॉ. अरविंद कपूर, बीज विशेषज्ञ, डॉ. एच.वी.एस. चौहान, विशेषज्ञ-फसल संरक्षण, डॉ. रमेन्द्र सिंह, मृदा वैज्ञानिक, डॉ. आर.के. मलिक, कृषि विज्ञानी, श्री ए.वी. श्रीनिवासन, फार्म मशीनरी विशेषज्ञ, डॉ. आर.एस. सोढ़ी, अध्यक्ष – इंडियन डेयरी एसोसिएशन, श्री निमिष गंगराडे, निदेशक – कृषक जगत, अनिल जयसिंह घनवट, किसान प्रतिनिधि शामिल हैं।
कृषि विज्ञान फ़ाउंडेशन की गवर्निंग काउंसिल की बैठक गत फरवरी में कृषि में वर्तमान नीतियों और किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों और कमियों की पहचान करने के लिए हुई थी। फाउंडेशन सभी सम्बद्ध एजेंसियों के साथ साझेदारी में काम करने के लिए मजबूत संबंध विकसित करने की प्रक्रिया में है जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें, किसान समूह, निजी कंपनी और विदेशी भागीदार शामिल हैं।
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